बड़े भ्रष्टाचार पर जांच के बाद दोषियों को संरक्षण देने का अनोखा खेल जशपुर जिला में बदस्तूर जारी,न्यायतंत्र से उठ रहा लोगों का भरोसा,जांच उपरांत दो माह से दिया जा रहा दोषियों को संरक्षण,ऐसा ही चलता रहा तो न्याय का गुहार लगाना हो जायेगा जशपुर जिला में बंद

जशपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जीरो टॉलरेंस नीति पर पलीता लगाने का काम जशपुर जिला में बड़े पदों पर बैठे अधिकारी कर रहे हैं।भ्रष्टाचार के मामले में शिकायत उपरांत दो माह से कार्यवाही के जगह संरक्षण देने का अनोखा खेल जशपुर जिला में चल रहा है,बताया जा रहा रसूखदार कर्मचारी के दबाव में कार्यवाही अधर में लटका है वहीं जांच में गंभीर मामला सामने आने के बावजूद संबंधितों को बचाने पूरा ताकत झोंकने का मौका भी दिया जा रहा। दरअसल आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ताओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता में अपग्रेड हुए कार्यकर्ताओं को पदोन्नति प्रभार देने मामले में पैसे की मांग पर हुई शिकायत और जांच के बाद आज पर्यंत तक कार्यवाही नहीं होना बड़े भ्रष्टाचार को इंगित करता है।उक्त मामले में गंभीर जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डालना घोर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है
मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त माह में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नत किये जाने महिला एवम बाल विकास विभाग मंत्रालय रायपुर ने पत्र जारी किया था।उक्त पत्र के जारी होने बाद मनोरा और फरसाबहार में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा 20 हजार रुपए प्रत्येक आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ताओं के हिसाब से मांगा गया,उक्त मांग को पूरा कर पाने में सक्षम नहीं रहे आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ताओं को पदोन्नत सम्बंधी कागजात कर्मचारियों के द्वारा वापस कर देने से विवाद की स्थिति निर्मित हुई जिस वजह से 23 अगस्त को मनोरा में आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया। घटना की जानकारी पाकर कलेक्टर डॉ.रवि मित्तल के निर्देश पर जांच करने राहुल कौशिक नायब तहसीलदार मनोरा मौके पर पहुंचे और सभी शिकायतकर्ताओं का लिखित के साथ साथ वीडियोग्राफी कर बयान लिया और उसी दिनांक देर रात्रि मामले की रिपोर्ट जशपुर कलेक्टर को सौंपा। जिसमें कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाया गया गंभीर आरोप सहित पैसे की मांग करने का जिक्र था।इस मामले में संबंधितों को नोटिस जारी करते हुए मामले में पदस्थ सकूल टोप्पो लिपिक महिला एवं बाल विकास विभाग मनोरा को निलंबित कर दिया।शेष को नीतीश जारी कर आगे की कार्यवाही का बात कहा गया।
इसी प्रकार दिनांक 24 अगस्त को एकीकृत महिला एवम बाल विकास विभाग परियोजना कार्यालय फरसाबहार में भी ऐसा ही प्रकरण सामने आया,यहां भी मिनी कार्यकर्ताओं के द्वारा मोर्चा खोलने पर एसडीएम और तहसीलदार के द्वारा मामले की जांच करते हुवे मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का लिखित और वीडियोग्राफी के साथ बयान दर्ज किया गया।जिसमें कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाये गए आरोप पर तत्काल एक अधिकारी के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही करते हुए शेष अन्य 5 संबंधितों को नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही हेतु पत्र जशपुर कलेक्टर को प्रेषित किया गया।
उक्त जांच को आज लगभग दो माह होने को है लेकिन इस मामले में अभी तक दोषियों के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं होना प्रशासनिक लापरवाही को प्रमाणित करता है। जशपुर जिला में इस प्रकार दोषियों को संरक्षण देना और जांच के बाद भी अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं होना बड़े भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है।
जल्द ही होगा बड़ा आंदोलन
इस मामले में अभी तक कार्यवाही नहीं करने और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दोषियों को संरक्षण देने से भोले भाले मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि समय रहते इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं होता है तो जल्द ही भारी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सड़क पर उतरने की योजना बना रहे हैं।
प्रशासनिक लापरवाही से उठ रहा लोगों का भरोसा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के द्वारा उक्त मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं किये जाने से प्रशासनिक कार्यवाही से भरोसा उठा है।इनका कहना है कि गंभीर मामले में शिकायत के बाद जांच भी प्रशासनिक हुई और इसमें अभी तक कोई भी कार्यवाही न करना बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है।