स्थानीय समस्याओं के निराकरण का मांग को लेकर जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की पदाधिकारियों ने किया डीपीओ से मुलाकात,समस्याओं को गिना किया निराकरण का मांग

स्थानीय समस्याओं के निराकरण का मांग को लेकर जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की पदाधिकारियों ने किया डीपीओ से मुलाकात,समस्याओं को गिना किया निराकरण का मांग

जशपुर : छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ पंजी 409 के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में व्याप्त स्थानीय समस्याओं को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने उक्त समस्याओं के निदान के लिये जल्द ही प्रयास किये जाने का आश्वासन दिया है।

ज्ञात हो कि जशपुर जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ पंजी.409 के पदाधिकारियों ने जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा से मुलाकात कर केंद्र संचालन में आ रही स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया।इस दौरान जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने बताया कि हम सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका जशपुर जिला में पदस्थ है,हमें अपने कार्यों को करने के दौरान विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,जिसके निदान हेतु आग्रह पत्र जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रेषित किया जा गया है और निवेदन किया गया है कि उक्त समस्याओं का निदान अवश्य किया जायेगा।

श्रीमती कविता यादव ने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार उपरोक्त टी.एच.आर.वितरण के विभागीय वर्तमान व्यवस्था के अनुसार नया वर्जन से किया जाना है. जिसमें हितग्राही का आधार लेना है मोबाईल से ओटीपी लेना है ओटीपी लोड करने के बाद ही टीएचआर प्रदान किया जाना है इसमे कई व्यवहारिक समस्या आ रही है.इस ओर आपका ध्यानाकर्षण संघ के माध्यम करते हुये इसका निराकरण शासन प्रशासन कराने हेतु विनम्र आग्रह करते हैं । फेस कैप्चर और ईकेवाईसी करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।ईकेवाईसी के बाद फेस मैच नहीं हो रहा है।उक्त व्यवस्था के अनुसार हर माह एक ही आदमी टीएचआर लेने आ सकता है। घर का दुसरा सदस्य कोई सदस्य नही आ सकता है।कई हितग्राही ओटीपी बताने से मना करते है.इससे हित ग्राही कम होगे।कुछ ऐसे भी हितग्राही है जिनके पास या तो मोबाईल नही होता या फिर उनके घर मे एक ही मोबाईल होता है जिसे उनके पति या बच्चे ले जाते है.ऐसी स्थिति मे टीएचआर वितरण प्रभावित हो रहा है।कई स्थानो मे सर्वर/नेट समस्या रहती है मोबाईल ठीक से नही चलता जिसके कारण भी टीएचआर वितरण प्रभावित हो रहा है। जिसके निराकरण का मांग किया गया है।

श्रीमती कविता यादव ने आगे कहा कि इस वक्त जिले के कई आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर स्थिति में है,जिसके मरम्मत की अत्यंत ही आवश्यकता है,कई भवनों की स्थिति हांकी जब से इसका निर्माण हुआ है तब से इसका पुताई भी नहीं हुआ है,कुछ वर्षों पूर्व कुछ आंगनबाड़ी के केंद्रों में पुताई हुआ भी है तो सिर्फ बाहर का,सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अंदर ओर बाहर दोनो तरफ पुताई का मांग किया गया है।

श्रीमती कविता यादव ने बताया कि अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली नहीं फिर भी हजारों रूपए बिजली बिल आ रहा है, और इसका भुगतान भी केंद्र से प्रतिमाह कराया जा रहा है। कृप्या बिजली की सुविधा दुरुस्त करने की मांग की गई है।

जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने बताया कि जिले के अधिकांश केंद्रों में इस वक्त गर्म भोजन पकाने के लिए आवश्यक गैस सिलेंडर प्रदाय नहीं किया गया है,साथ ही इन जगहों में ईंधन की राशि भी अत्यंत कम है।इतने कम राशि में ईंधनीय व्यवस्था चला पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,इतना ही नहीं पोषण दिवस के आधार पर ईंधन की राशि नहीं भी प्राप्त नहीं हो रहा है।अतः प्रत्येक माह पोषण दिवस के आधार पर ईंधन राशि जमा की जाए और उक्त समस्या का निदान किया जाये।सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रत्येक माह मिलने वाला मानदेय और अतिरिक्त मानदेय दोनों माह के 5 तारिक तक जमा की जाए।  

श्रीमती यादव ने आगे कहा कि मनोरा विकासखंड क्षेत्र में टी एच आर पावती में काफी सुधार की आवश्यकता है।यहां टी एच आर प्रदाय करने वाली एजेंसी के द्वारा कम टी एच आर दिया जा रहा और कार्यकर्ताओं से ज्यादा टी एच आर में हस्ताक्षर कराया जाता है।यहां पावती में 0 हितग्राही जबकि पोषण ट्रेकर ऐप में हितग्राही की संख्या है, यहां टी एच आर नहीं मिलता फिर भी पोषण ट्रेकर में भरने पर उच्च अधिकारियों के द्वारा मजबूर किया जाता है।उक्त समस्या का निदान किया जाये। इस वक्त आंगनबाड़ी भवन का किराया ग्रामीण क्षेत्र में 200 रु दिया जा रहा है,जिससे किराया का भवन उपलब्ध नहीं हो पाता,भवन किराया ग्रामीण और शहरी दोनों में बढ़ाया जाये। आकस्मिक व्यय की राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका के खाते में सीधे दी जाए ताकि जरूरत के अनुसार सामग्री समय पर खरीदी की जा सके। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को कई जगह 2022 में ड्रेस मिला था,जिसका क्वालिटी ठीक नहीं था उसके बाद भी अभी पहनने पर अब अत्यंत ही दयनीय स्थिति मे है, आलम यह है की साडी अब फट चुका है अथवा फटने की कगार पर है,जब तक ड्रेस,धुलाई भत्ता सिलाई भत्ता नहीं मिल जाता साडी पहनने के लिए बाध्य न किया जाये।बीएलओ का कार्य यदि आंगनबाड़ी केंद्र संचालन समय में कराया जाता है तो इसे करने में सभी तैयार है अन्यथा इस कार्य को नहीं करेंगे।

इस अवसर पर प्रतिमा शर्मा जिला संरक्षक, रूपा सोनी मिंज, रोसलिन, उषा यादव, सुशीला यादव, शोभन्ति पैकरा, अनिमा, ग्लोरिया, सुनीता बाई, एलिस रजनी, सुबत्री,उषा, मीरा,कुंती उपस्थित रहे।