संयुक्त मंच के आह्वाहन पर जिलाध्यक्ष कविता यादव के नेतृत्व में कलेक्टर रोहित व्यास को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन, पीएम और सीएम से किया लंबित मांगों को पूरा करने का मांग

संयुक्त मंच के आह्वाहन पर जिलाध्यक्ष कविता यादव के नेतृत्व में कलेक्टर रोहित व्यास को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन, पीएम और सीएम से किया लंबित मांगों को पूरा करने का मांग

जशपुर : संयुक्त मंच के बैनर तले छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ पंजी.409 के द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास को ज्ञापन सौंपा।इस दौरान जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने केंद्र संचालन में आ रही विभिन्न स्थानीय समस्याओं से कलेक्टर रोहित व्यास को अवगत कराते हुए इसके निराकरण का मांग किया।

ज्ञात हो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की लंबित मांगो को लेकर संयुक्त मंच ने प्रदेश भर में एकदिवसीय ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय किया था।उक्त कार्यक्रम के अनुसार जशपुर जिला में भी संयुक्त मंच का प्रमुख हिस्सा छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ पंजी.409 के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।यहां जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में संघ के पदाधिकारी जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास से मुलाकात किये और विभिन्न लंबित मांग को पूरा करने निवेदन किया।

जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने बताया कि सर्व प्रथम हम भारत के नागरिक है और महिला भी है.हम विगत 2 अक्टूबर 1975 जब से देश मे आइसीडीएस की स्थापना हुई है तब से आंगनबाड़ी केन्द्रो मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ के रूप मे केंद्र और राज्य सरकारो को सेवाये दे रही है.हर योजना को घर घर.और जन जन तक पहुचाने का काम कर रही हैं,लेकिन सेवाऐ 50 वर्ष होने के बावजूद भी हम महिलाओ को ना तो कर्मचारी का दर्जा मिल पाया है और ना ही श्रमिक .मजदूर का.और ना ही इन दिनो मे न्यूनतम मजदूरी.पेशन.ग्रेज्युवेटी.समूह बीमा.चिकित्सा और सम्मान जैसी कोई बुनियादी सुविधा.हम देश के लगभग 27 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाये इन 50 वर्षो मे लगातार समय पर शासन का ध्यानाकर्षण करते आ रहे हैं।

दुखद बाद यह है कि इन 50 वर्षो मे केन्द्र सरकार की ओर से पाश्रर्मिक मानदेय के रूप मे कार्यकर्ता को रू 4500/- एवं सहायिका को रू.2250/- दिया जा रहा जो न्यूनतम वेतन से काफी कम है इसे जीने लायक वेतन कदापी नही कहा जा सकता.इसके अलावा और कोई सुविधा ना मंहगाई भत्ता.ना पेशन.ग्रेज्युवेटी.ना समूह बीमा.ना चिकित्सा प्रतिपूर्ति और ना ही पदोन्नति। जब हम अपनी इन बुनियादी सुविधाओ की मांग करते है तो केन्द्र की सरकार राज्य पर राज्य की सरकार केन्द्र के कर्मचारी है कहकर पलड़ा झाड़ लेते है और अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करती हैं।

जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने आगे बताया कि हम छत्तीसगढ़ के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी और छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री जी निवेदन करना चाहते है कि अब केन्द्र और छत्तीसगढ राज्य दोनो स्थान पर आपकी ही सरकार है तो दोनो मिलकर हमारी निम्न समस्याओ पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुये.नारी शक्ति की पीड़ा और मन की बात को सुनते हुये पूरा करने की कृपा करेगें।

*प्रमुख मांगे*

1 नियमितीकरण : देश मे 50 वर्ष से लागू आइसीडीएस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रो मे कार्यरत कार्यकर्ता सहायिकाओ को भी.शिक्षाकर्मी.पंचायत कर्मी.की तरह शासकीय करण की नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे और कार्यकर्ता को तृतीय श्रेणी और सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित किया जावे।

2 जीने लायक वेतन : शासकीय कर्मचारी घोषित होते तक पूरे देश मे एक समान वेतन कार्यकर्ता को प्रतिमाह 26000/- और सहायिका को 22100/-(कार्यकर्ता का 85%) शीघ्र लागू किया जावे।

3 सेवा निवृत्ति पश्चात पेंशन ग्रेजुवेटी : 35-40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु ना तो कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एक मुस्त राशि कार्यकर्ता को ₹10000/और सहायिका को ₹8000/मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन यापन के लिए कार्यकर्ता को 5 लाख रुपयेऔर सहायिका को 4 लाख रुपये एक मुस्त ग्रेजुवेटि राशि प्रदान किया जावे।

4 समूह बीमा योजना लागू करना : भविष्य की सुरक्षा के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ के लिए समाजिक सुरक्षा के रूप मे सेवानिवृत्ति पर सभी कार्यकर्ता सहायिकाओ को.पेशन.ग्रेज्युवेटी.समूह बीमा और कैशलेश चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जावे।

5 अनुकंपा नियुक्ति : कार्यकर्ता सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिया जावे ।

6 महंगाई भत्ता : विगत कुछ सालों में महंगाई में बेहताशा वृद्धि हुई है, वर्तमान मानदेय से घर चलाना सम्भव नहीं है इसलिए हमारे मानदेय को महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाय महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाय।

7 पदोन्नति बाबत वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को पदोन्नति के पद,रिक्त होने के बाद भी 50% का प्रतिबंध होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है 50% का बंधन को समाप्त किया जाय और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्टता क्रम में बिना परीक्षा के सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पद पर लिया जाय, इसी तरह सहायिकाओ को भी 50% के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होने पर शत प्रतिशत वरिष्टता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति किया जावे।

8. पोषण ट्रेकर,THR वितरण मे फेस केप्चर

सरकार द्वारा वर्तमान मे पोषण ट्रेकर.THR वितरण मे फेस केप्चर.कार्यकर्ता सहायिकाओ के उपस्थिति का फेस केप्चर FRS और e-KYC के माध्यम से केन्द्र के सभी कार्य को डिजिटल किया गया है जिससे हितग्राहियो को और कार्यकर्ता सहायिकाओ को कई ब्यवहारिक परेशानी और कठिनाईयो का सामना करनी पड़ रही है.इसे बंद कर आफ लाईन सभी कार्य लिया जावे।

जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने आगे कहा कि बढ़ते महंगाई के इस दौर में हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आर्थिक रूप से,मानसिक रूप से परेशान हैं,विभागीय काम के अलावा भी कई सारे हमसे काम लिया जाता है जिसके कारण विभगीय काम में बाधा उत्पन्न होता है,आशा करते है कि हमारी मांगो का निराकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की डबल इंजन की सरकार करेगी।

इस दौरान प्रतिमा शर्मा जिला संरक्षक, रूपा सोनी मिंज, रोसलिन, उषा यादव, सुशीला यादव,शोभन्ति पैकरा, अनिमा, ग्लोरिया, सुनीता बाई, एलिस रजनी, सुबत्री,उषा, मीरा,कुंती उपस्थित रहे।