1 सितंबर को हड़ताल करने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं का मानदेय काटने और बर्खास्त किये जाने संबंधी चेतावनी आदेश शासन ने किया जारी,संघ ने जताई नाराजगी कहा आंदोलन होगा तेज

1 सितंबर को हड़ताल करने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं का मानदेय काटने और बर्खास्त किये जाने संबंधी चेतावनी आदेश शासन ने किया जारी,संघ ने जताई नाराजगी कहा आंदोलन होगा तेज

रायपुर : आगामी एक सितंबर को सामूहिक अवकाश ले एक दिवसीय हड़ताल करने की सूचना दिए जाने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासन के निर्देश पर विभाग प्रमुखों के द्वारा हड़ताल में शामिल होने पर मानदेय में कटौती और बार- बार हड़ताल किए जाने पर बर्खास्त किए जाने की चेतावनी दी गई है।

इस संबंध में शासन के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघों द्वारा दिए जा रहे ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टरों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। शासन द्वारा जारी आदेश में यह कहा गया है कि हड़ताल से यदि आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन या विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है तो कार्यकर्ता और सहायिकाओं की नियुक्ति दिशा निर्देश के तहत सुसंगत कार्रवाई सुनिश्चित करें।उक्त आदेश के बाद हड़ताल कर रहे विभिन्न संघों में रोष आक्रोश देखा जा रहा है।बताया जा रहा यह हड़ताल संयुक्त मंच के द्वारा किया जा रहा है जिसमें 1 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं 1 सितंबर को सड़कों पर अपने मांगों के समर्थन में आवाज उठाएंगी।

संघ की जिलाध्यक्ष और कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने कहा कि अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण तरीके से किये जाने वाले हड़ताल और रैली को दबाने शासन ने मानदेय कटौती और बर्खास्त किये जाने संबंधी चेतावनी भरा आदेश जारी किया है।उक्त आदेश से आंदोलन को कुचलने का नाकाम योजना पूरी तरह विफल किया जायेगा और यदि जरूरत पड़ा तो शांतिपूर्ण आंदोलन को तेज करने जिले की शत प्रतिशत कार्यकर्ता सहायिकाएं अपनी उपस्थिति देंगे।हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से है जिसमें अपने मांगों के समर्थन में शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है मांगों के समर्थन में कलेक्टर के माध्यम से पीएम और सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा।

ये है संघ की प्रमुख मांगें : संघ ने जारी किया मांगों के संबंध में विज्ञप्ति

आइसीडीएस की देश मे स्थापना हुये लगभग 50 वर्ष होने को है, इन केन्द्रो मे देश भर मे लगभग 27 लाख से भी अधिक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाये कार्यरत है,आज तक सरकार इन्हे ना मजदूर मानती है ना कर्मचारी.बुनियादी सुविधा और मूलभूत मांगे जैसे जीने लायक वेतन. समाजिक सुरक्षा के रूप मे बुढ़ापे की सहारा पेशन.ग्रेज्युवेटी.समूह बीमा और चिकित्सा सम्मान और शासकीयकरण की मांग को पूरा किया है, कार्यकर्ता सहायिका अपनी मांगों को लेकर 50 साल से संघर्षरत है।

      इन मांगो के अलावा.आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन मे हितग्राहियो को शासन का लाभ दिलाने मे शासन की मंसा अनुरूप कार्य करने के लिये.दिनचर्या की कामो मे कई सारे कठिनाई आ रही है. समस्या और आवश्यक संसाधन जुटाने की बात यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहिकाओ के नेतृत्वकर्ता, विभागीय अधिकारी से करते है,और समस्याओ के निराकरण करने की बात मुखरता से करते है, तो शासन प्रशासन द्वारा इनकी आवाज को दबाने और हक और अधिकार की लड़ाई के लिये प्रजातांत्रिक अभिब्यक्ति के अधिकार को छिनने की कोशिश की जा रही है और संघो के पदाधिकारियो को डराने .धमकाने की कार्यवाही की गई है, इसी कड़ी मे कई संघ पदाधिकारियो को गलत और मनगढ़त आरोप लगाकर सेवा से पृथक किया जा चुका है।

          दमन और प्रताड़ना के कुछ उदाहरण श्रीमती सुमन यादव.प्रान्तीय सचिव.रायपुर को 2023 मे गलत और मनगढत आरोप लगाकर एकतरफा कार्यवाही करते हुये सेवा से बर्खास्त किया गया है.आज अपील प्रकरण के रूप मे श्रीमान् कलेक्टेर न्यायालय रायपुर मे दो वर्ष से लम्बित है.न्याय की बाट जोह रही हैं। इसी तरह कल्पना चंद अध्यक्ष पंखाजूर को अभी हाल मे इन्ही कारणो से सेवा से बर्खास्त किया गया है प्रकरण.एस.डी.एम.न्यायालय पंखाजूर मे लम्बित है.श्रीमती रूक्मणी सज्जन.प्रान्ताध्यक्ष को भी सेवा से बर्खास्त किया गया.लेकिन श्रीमान् कलेक्टर जगदलपुर के न्यायालय से अपील प्रकरण मे इन्हे न्याय मिला और सेवा मे वापस आई है .इसी तरह कई पदाधिकारियो मे मानसिक तनाव और भय पैदा करने के लिये नोटिस ऊपर नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है।

           गौरतलब विभाग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ को जब काम के बदले दाम देने की बात आती है तो मानसेवी बना देती है और केन्द्र और राज्य सरकार के अधिन बताती है लेकिन जब छोटी मोटी गलती हो तो शासकीय कर्मचारियो से भी कठोर दण्ड अर्थात सेवा बर्खास्तगी या फिर मानदेय काट कर आर्थिक नाका बंदी की प्रताड़ना आम बात है।विभागीय कार्यो मे फोटो फेस कैप्चर IFC./Ekyc/पोषण ट्रेकर.एवं अधिकांस कार्य मोबाईल और नेट के माध्यम से आनलाईन करना है और रिकार्ड भी रखना है। फिल्ड मे कई ब्यवहारिक समस्याये है.यह सभी कार्य 5G मोबाईल या टेबलेट और पर्याप्त नेट के बिना संभव नही है.दूरांचल .वनाचलो मे हमेशा नेट.प्राब्लम रहता है जिस दिन नेट काम नही किया.जानकारी और फोटो फेस कैप्चर नही हुआ उस दिन की मानदेय कट जायेगा.इसी तरह हितग्राहियो को पोषण आहार और THR वितरण मे भी हितग्राहियो के पास मोबाईल होना अनिवार्य है यदि मोबाइल नही है तो ये सभी सुविधा महिला एवं बाल विकास की नही मिलेगा। हितग्राही के मोबाइल मे ओटीपी लेना भी आज की स्थिति मे एक बड़ी कठिन समस्या बनी हुई है।विभाग जमिनी स्तर की समस्या को हल करने के बजाय निराकरण की बात करने पर हाल मे एक आदेश सभी कलेक्टरो संचालनालय रायपुर से जारी किया गया है कुछ पंजीकृत संगठन बार बार शासन का ध्यानाकर्षण हेतु धरना रैली प्रदर्शन किया जाता ऐसे स्थिति मे पदाधिकारियो को बर्खास्त करने की कार्यवाही किया जावे.इसका संयुक्त मंच कड़े शब्दो मे निंदा करती है और इस आदेश को निरस्त करने की मांग करती है।

          उक्त सभी मांगो और समस्या के संबंध मे संघ के प्रतिनिधियो ने सरकार से आग्रह किया है,कि वे समस्या का निराकरण बैठक के माध्यम से चाहते है.इस विषय में सचिव,संचालक और कलेक्टर को पत्र भी दिया है, और प्रत्यक्ष रूप से भेट मुलाकात करके भी दिया गया है ,लेकिन शासन के तरफ से कोई सार्थक पहल नही होने के कारण दिनांक 01 सितम्बर 25 छत्तीसगढ़ के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका 33 जिलो मे भारी संख्या अपनी मांगो के समर्थन मे काम बंद कर सड़क पर उतरेगी और अपने अपने जिले मे धरना .रैली .प्रदर्शन कर प्रधान मंत्री.भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ सरकार के नाम ज्ञापन सौपेगी।