Big News : चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर भारत कर करेंगे हमला.! CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा- ये गठजोड़ देश के लिए है खतरा, दे दी बड़ी चेतावनी..पढ़ें पूरी ख़बर

जनरल चौहान ने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमारा देश बहुभाषी, बहुधार्मिक और बहुजातीय है, ऐसे में सामाजिक एकता को बनाए रखना बेहद जरूरी है। सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में आंतरिक सुरक्षा को भी अहम स्थान मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक स्थिति बेहद अस्थिर है, पूरी दुनिया पुराने व्यवस्था से नए वैश्विक संतुलन की ओर बढ़ रही है. इस परिवर्तन के बीच अमेरिका की भूमिका भी कई स्तरों पर जटिलता पैदा कर रही है। CDS ने ज़ोर देकर कहा कि एक मजबूत और लचीली अर्थव्यवस्था किसी भी देश की राष्ट्रीय शक्ति की बुनियाद होती है। उन्होंने कहा, “आर्थिक और व्यापारिक सुरक्षा भी राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम हिस्सा है. स्थिर विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए मजबूत अर्थव्यवस्था जरूरी है।
चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों पर क्या बोले सीडीएस चौहान
आगे, सीडीएस चौहान ने कहा, ”दक्षिण एशिया में सरकारों के बार-बार बदलने के साथ भू-राजनीतिक समीकरण और वैचारिक दृष्टिकोण भी बदल रहा है, जो कि एक और अहम चुनौती है। इसी तरह, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच निजी फायदे की वजह से नजदीकी बढ़ रही है, जो कि भारत की सुरक्षा और स्थिरता को लेकर खतरा बन सकती है।
पहली बार दो परमाणु संपन्न देशों में संघर्ष- CDS
वहीं, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 से 10 मई के बीच हुए सैन्य संघर्ष का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि शायद यह पहली बार हुआ है जब दो परमाणु हथियार से संपन्न देश सीधे तौर पर संघर्ष में शामिल हुए हैं।
सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा की अहमियत
दरअसल,ज्ञजनरल चौहान ने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमारा देश बहुभाषी, बहुधार्मिक और बहुजातीय है, ऐसे में सामाजिक एकता को बनाए रखना बेहद जरूरी है। सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में आंतरिक सुरक्षा को भी अहम स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि अगर भारत को आंतरिक रूप से कमजोर किया गया, तो बाहरी खतरे और ज्यादा असरदार हो जाएंगे।
चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश गठजोड़ पर सतर्कता की जरूरत
जनरल चौहान ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अगर किसी भी तरह का रणनीतिक सहयोग होता है, तो उसका सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, “इन तीनों देशों के साझा हित भारत के खिलाफ एक रणनीतिक चुनौती बन सकते हैं, खासकर तब जब बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर है और वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण ले चुकी हैं।
आने वाली चुनौतियां और तैयारी
फिलहाल, CDS ने आगे कहा कि अब युद्ध के तरीके बदल चुके हैं. युद्ध अब केवल सीमा पर नहीं, बल्कि साइबर हमले, इलेक्ट्रॉनिक हथियार, ड्रोन, मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियारों के ज़रिए भी लड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन सभी मोर्चों पर अभी तक दुनिया के पास कोई पूर्ण रक्षा प्रणाली नहीं है, इसलिए भारत को अपनी तैयारी हर स्तर पर बढ़ानी होगी।