Big News : टेक वर्ल्ड में मची सनसनी.! कौन हैं अरविंद श्रीनिवास?.जिन्होंने Chorme खरीदने के लिए Google को 34.5 अरब डॉलर का दिया ऑफर..पढ़ें पूरी ख़बर

Big News : क्रोम ब्राउजर की शुरुआत 2008 में हुई थी। यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूजरबेस वाला ब्राउजर है। यह गूगल की स्ट्रेटेजी में बड़ा अहम रोल अदा करता है।

 

वहीं, Perplexity AI स्टार्टअप की शुरुआत साल 2022 में हुई थी। Perplexity AI Inc. नाम का स्टार्टअप पहले ही बड़ा इनवेस्टमेंट जुटा चुका है, जो करीब 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( करीब 8,766 करोड़ रुपये है) है। इस स्टार्टअप में Nvidia और SoftBank जैसी कंपनियां इनवेस्ट कर चुकी है। जिनकी खुद की वैल्युएशन 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

 

चेन्नई में जन्म, IIT Madras से ग्रेजुएशन

 

ज्ञात हो कि, Perplexity के CEO और को-फाउंडर भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास हैं। Linkedin प्रोफाइल के मुताबिक चेन्नई में जन्म लेने वाले अरविंद श्रीनिवास ने IIT Madras से ग्रेजुएशन कंप्लीट की। उसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में पढ़ने के लिए चले गए।

 

स्टार्टअप से पहले किया Google में काम 

 

वहीं, Perplexity की शुरुआत करने से पहले अरविंद श्रीनिवास Google और इंटरनेट के बारे में डिटेल्स से जानकारी के लिए कनाडा के कंप्यूटर साइंटिस्ट Yoshua Bengio के साथ काम कर चुके हैं।

 

2022 में स्टार्टअप की थी शुरुआत 

 

दरअसल, साल 2022 में अरविंद श्रीनिवास ने Denis Yarats, Johnny Ho और Andy Konwinski के साथ मिलकर AI स्टार्टअप Perplexity AI की शुरुआत की थी। इसके बाद ये AI प्लेटफॉर्म तेजी से पॉपुलर हुआ। Perplexity AI, असल में कन्वर्शेनल AI सर्च इंजन है। यह एक प्रकार से सर्च इंजन की तरह काम करता है और यूजर्स को सर्चिंग में रियल टाइम जानकारी प्रोवाइड कराता है। हाल ही में कंपनी ने अपना खुद का AI पावर्ड ब्राउजर Comet लॉन्च किया है।

 

 

Google के लिए Chorme ब्राउजर इसलिए है जरूरी 

 

फिलहाल, सबसे पहले बता देते हैं कि Chrome ब्राउजर, दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला ब्राउजर है। Chrome ब्राउजर, Google की प्लानिंग और प्रोफिट्स के लिए बड़ा ही अहम प्रोडक्ट है. यह Google के ईको-सिस्टम के लिए भी जरूरी है। जब भी कोई इंटरनेट यूजर सर्चिंग, वेबसाइट विजिट और किसी पोर्टल पर साइन-इन करते हैं. इससे Google आपकी इंफोर्मेशन को थोड़ी मात्रा में कलेक्ट करता है। ऐसे में Google को आपकी इंटरनेट ब्राउजिंग आदत को समझने में मदद मिलती है। Google इस डेटा की मदद से सर्च इंजन को बेहतर करता है. इसके साथ ही उसको Ads टारगेट और प्रोडक्ट डिजाइन में भी फायदा होता है।