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मनेंद्रगढ़ विधायक फिर हुए मुखर. अगर वो साबित कर दे की उनकी जमीन पुस्तैनी है । तो नहीं लडूंगा चुनाव..

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मनेंद्रगढ़ । गरीब आदिवासीयों की जमीन पर किया कब्जा. कर सबसे ईमानदार बताने कर रहे जद्दोजहद.

चिरमिरी के होटल अलवीना में हुई प्रेस वार्ता. ब्लाक कांग्रेस कमेटी के साथ पूर्व महापौर की भी प्रेस वार्ता में दिखी उपस्थिति.

चिरमिरी । विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने एक बार फिर पूर्व विधायक पर जमीन कब्जे को लेकर मुखर दिखाई दिए. और शनिवार को चिरमिरी के हल्दीबाड़ी क्षेत्र में स्थित होटल अलवीना में ब्लाक कांग्रेस कमेटी चिरमिरी के समस्त पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रेस वार्ता कर अपने कड़े तेवर से पूर्व विधायक पर जमीन कब्ज़ा कर खेती करने सब्जीयों की पैदावार कर सेवन करने का आरोप लगाया. वर्तमान विधायक ने अपने इस आरोप के साथ उपस्थित पत्रकारों को राजस्व विभाग के हस्ताक्षर आधिकारिक दस्तावेज भी उपलब्ध कराये. और यहाँ तक कहा की अगर वह यह साबित कर दे की यह उनकी पुस्तैनी जमीन है या पैतृक भूमि है तो वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे । मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये कहा की भाजपा नेता श्यामबिहारी जायसवाल ने गलत तरीके से सैकड़ों एकड़ जमीन का वन अधिकार पट्टा हासिल करने का बड़ा खेल खेला यह खेल यही नहीं रुका जब ये विधायक थे तब उन्होंने खड़गवां के 41 पंचायतो में मात्र 5 पंचायतों की जानकारी मेरे पास है । 

 

जिसकी जमीन अपने कब्जे में ली. वो ग्रामीण जन उनका विरोध किया तो वह जेल गया या इस शहर को छोड़ कर कही और इस लिए पूर्व विधायक को हम उनके नए नाम से पुकार सकते जिनका नाम श्याम बिहारी जायसवाल नहीं रह गया । उनका नाम अब जमीन बिहारी जायसवाल है अब आप ही बताइये कोई भी व्यक्ति विधायक बनने के बाद इतनी जमीन कैसे बना सकता है । पूर्व विधायक ने हद तो तब कर दी जब वह इस खेल में अपनी बुजुर्ग माँ तक को नहीं छोड़ा है । श्री विनय इसके बाद भी नहीं रुके उनके तल्ख तेवर इतने गुस्से में थे की उन्होंने ने आगामी विधानसभा चुनाव तक नहीं लड़ने की बात कह दी । 

 

मनेंद्रगढ़ विधायक के ने अपने उद्बोधन में शासकीय दस्तावेजो को दिखाते हुए कर्म वर जनपद पंचायत के ग्रामो में किस नाम से कितनी भूमि को पूर्व विधायक के द्वारा कब्ज़ा किया गया उसकी जानकारी अपने मुख से उच्चरण किया और पुरे दस्तावेजो को ज्ञापन रूप में खड़गवां तहसील दार को देते हुए जल्द से जल्द निरस्त कर कार्यवाई की मांग की । श्री जायसवाल ने यह भी कहा की मनेन्द्रगढ़ के पूर्व विधायक श्यामबिहारी जायसवाल द्वारा 10 एकड़ वन अधिकार पट्टा फर्जी  दस्तावेज लगाकर जमीन हासिल किया अपनी माँ चंद्रवती - पुत्र श्यामबिहारी - जायसवाल जायसवाल, कांति जायसवाल पति श्यामबिहारी जायसवाल के नाम 45.10 हेक्टेयर से ज्यादा पत्नी के नाम पर है । और श्याम बिहारी जायसवाल पिता सूरज दिन जायसवाल के नाम पर 39.35 एकड़ दर्ज है ।  उनकी पत्नी श्रीमती कांति जायसवाल के नाम से खड़गवां तहसील में ही 45.13 एकड़ जमीन है जिसमे राशन कार्ड में श्यामबिहारी जायसवाल के परिवार के सदस्य (माँ) के रूप में चंद्रवती का नाम अंकित है ग्राम पंचायत खड़गवां, रतनपुर, बरमपुर, मझौली एवं बेलबहरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्यामबिहारी जायसवाल के नाम पर 39.35 एकड़ जमीन कांति जायसवाल के नाम पर 45.13 एकड़ जमीन श्यामबिहारी जायसवाल ने पत्नी और माँ के नाम से फर्जी दस्तावेजों और कुटरचना करके 10 एकड़ से ज्यादा वन भूमि का वन अधिकार पट्टा के लिये आवेदन कर जमीन प्राप्त किया । दो अलग-अलग प्रकरण में पहले प्रकरण में पत्नी के प्रकरण में राशन कार्ड लगाया गया लेकिन माँ के प्रकरण में पहचान के लिये राशन कार्ड नहीं लगाया गया है, क्योंकि वन अधिकार पट्टा के अधिनियम के अनुसार व्यक्तिगत पट्टा परिवार के लिये जारी किया जाता है, एक ही परिवार के दो सदस्यों का पट्टा नहीं बन सकता । हालांकि इनके द्वारा तीन पीढियों के कब्जे का कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। अपना नाम छुपाने के लिये माँ और पत्नी के नाम से वन अधिकार पट्टे का बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है ।  माँ और पत्नी मातृ पक्ष की है, विवाह उपरांत तीन पीढी का रिकार्ड नहीं हो सकता । नियमतः 10 एकड़ से अधिक भू-स्वामित्व परिवार वन अधिकार पट्टा के लिये पात्रता नहीं रखता यह इनका गोरख धंधा है जिन्होंने अपने पांच वर्ष विधायकी कार्यकाल में किया अभी तो यह मात्र 5 पंचायत के कारनामे है अभी 46 पंचायत पुरे विधानसभा में बची है उनकी भी जाँच मेरे द्वारा कराई जा रही है जल्द और भी जमीन कब्ज़ा करने के दस्तवेज मेरे हाथो में होने जिनको आपके सामने रखूँगा ।

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