मेरे महबूब मेरी पहली मुहब्बत तू है।
सारी दुनिया है फ़साना तो हकीकत तू है।।
मेरी बातों पे एतबार कर लो जानम।
मेरे दिल पर मेरे रब की इनायत तू है।।
बहुत बेचैन होकर दिल बरसो तड़प रहा था।
तुमको देखा तो यह जाना के राहत तू है।।
मेरे महबूब तुझसे मिलना ये इत्तेफाक नहीं है।
दिल ने जानी है हक़ीक़त मेरी किस्मत तू है।।
इतनी पाकीज़गी से दिल तुम्हें प्यार कर रहा है।
मेरे दिलबर मेरा हासिल-ए इबादत तू है।।
बेबस को एक राज़ दुनिया को बताना है।
ज़मी के पास फरिश्तों की अमानत तू है।।