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100% एफडीआई के विरोध में पांचों श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाया गया बंद चिरमिरी में 100% सफल

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अफ़सर अली

 

चिरमिरी । केंद्र सरकार के द्वारा बीते 28 अगस्त को कोयला उद्योग में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का निर्णय लिए जाने के विरोध में आज 24 सितम्बर को पांचों श्रमिक संगठन एचएमएस, बीकेकेएमएस, एटक, इंटक व सीटू द्वारा बुलाया गया कोल इंडिया बंद चिरमिरी में पूरी तरह से सफल रहा । पहली पाली और दूसरी पाली में एक ढेला कोयले का भी उत्पादन नही हुआ । चिरमिरी के चिरमिरी ओपनकास्ट, कुरसियां भूमिगत खदान, एंसीपीएच कालरी के आर-6 में कोयला उत्पादन पूरी तरह से ठप्प रहा । इस बंद का असर कोयला खदानों के साथ ही उपक्षेत्रीय प्रबन्धको व मुख्य महापाबन्धक के कार्यालय में भी देखने को मिला । कुरसियां, चिरमिरी ओपनकास्ट व एनसीपीएच उप क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय खुले जरूर लेकिन कर्मचारियों के आभाव में यहां पूरे दिन कोई कामकाज नही हुआ । इस हड़ताल का प्रभाव एमरजेंसी सेवाओ पानी व विद्युत सप्लाई तथा हॉस्पिटल में भी नजर आया । सुबह के समय यहां के कर्मचारी नदारत रहे लेकिन प्रबंधन के समझाने व श्रमिक संगठनों के हस्तक्षेप के बाद वहां कर्मचारी पहुचे और काम प्रारम्भ हुआ।

ज्ञात हो कि श्रमिक संगठन बीकेकेएमएस ने केंद्र सरकार द्वारा कोयला उद्योग में 100% एफडीआई के विरोध में 23 सितम्बर से 27 सितम्बर तक 5 दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया है जबकि चार श्रमिक संगठन एचएमएस, इंटक, एटक व सीटू ने 24 सितम्बर को एक दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया था।

इंटक के वरिष्ठ नेता राम अवतार अलगमकर ने चर्चा करते हुए कहा कि केवल एक दिन की हड़ताल से पूरे भारत मे 15 लाख टन कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है । श्रमिको ने अपना कड़ा संदेश इस हड़ताल के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को दे दिया है । यदि अब भी केंद्र सरकार अपना निर्णय वापस नही लेती है तो सभी श्रमिक संगठन आंदोलन को और तेज करने पर विचार करेंगे ।

बीकेकेएमएस के नेता राजेश महाराज ने चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय न तो श्रमिको के हित है और न ही कोयला उद्योग व देश के हित मे । सरकार के इस निर्णय का विरोध करके श्रमिको ने सरकार को अपना स्प्ष्ट संदेश दे दिया है कि वह इस श्रमिक विरोधी निर्णय के खिलाफ है ।

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