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नौकरी व मुआवजा की मांग करते हुए आमगांव कोयला खदान को बंद कर अनिश्चित हड़ताल पर बैठे ग्रामीण किसान..

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नदीम खान सूरजपुर

सूरजपुर/एसईसीएल  बिश्रामपुर क्षेत्र के आमगांव ओपनकास्ट परियोजना के लिए पटना गांव के किसानों व अधिग्रहित भूमि के बदले भूस्वामियों के नौकरी व मुआवजा की माँग को लेकर ग्रामीणों का जबरदस्त  विरोध देखने को मिला,,जहां ग्रामीणों ने खदान में कोयला उत्खनन व परिवहन रोक दिया है,,वहीँ खदान के गेट पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर एसईसीएल के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी करते दिखे,,

दरअसल आमगांव ओपन कास्ट परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के बदले 464 लोगों को नौकरी दी जानी थी,, जहां कोल प्रबंधन के द्वारा अब तक 37 लोगों को ही नौकरी प्रदान की गई है,, जहां ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन की उदासीनता के कारण समस्त दस्तावेज पूर्ण कर जमा करने के बावजूद 427 किसान लंबे समय से नौकरी के लिए एसईसीएल के क्षेत्रीय कार्यालय का चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं,,वहीं  प्रबंधन द्वारा इन्हें वर्षों से तारीख पे तारीख तारीख पे तारीख दी जा रही है। एसईसीएल के सर्वे डिपार्टमेंट में एक अधिकारी की एकाधिकार होने से नौकरी संबंधित मामलों में क्षेत्र के सैकड़ो प्रभावित ग्रामीण व भूमि स्वामी परेशान हो चुके हैं।

यही वजह है कि ग्रामीण अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर नौकरी व मुआवजे  की मांग  करते हुए नियुक्ति पत्र मिलने तक हड़ताल पर बैठे रहने की बात कह रहे है, ।।।वहीं कोल परिवहन व उत्खनन ठप होने से करोड़ों के क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है,,, इसके बाद भी ग्रामीणों के आंदोलन को समाप्त कराने एसईसीएल के अधिकारी गंभीर नहीं दिखे

हालांकि इस पूरे हड़ताल के दौरान एक अजीबोगरीब तस्वीर देखने को मिली ,,

जहां ग्रामीणों के आंदोलन के बीच राजनीतिक दल के दखल को लेकर भी आंदोलन में बैठे ग्रामीण में नाराजगी देखी गई, वहीं कुछ ग्रामीणों ने आंदोलन को राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया है।

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