भोपाल में 22 हजार मूर्तियों का विसर्जन:दूसरे दिन भी निकल रहे जुलूस, बांस से ट्री-गार्ड; फूलों से बनेगी जैविक खाद
भोपाल में 22 हजार मूर्तियों का विसर्जन:दूसरे दिन भी निकल रहे जुलूस, बांस से ट्री-गार्ड; फूलों से बनेगी जैविक खाद
भोपाल में मंगलमूर्ति श्रीगणेश को विदाई देने का सिलसिला दूसरे दिन बुधवार को भी जारी है। सुबह से विसर्जन जुलूस निकल रहे हैं। इधर, महापौर मालती राय खटलापुरा घाट पहुंचीं। जहां उन्होंने सफाई की। अब तक 22 हजार से अधिक छोटी-बड़ी मूर्तियों का विसर्जन हो चुका है। निगम बड़ी मूर्तियों से निकले बांस से ट्री-गार्ड और फूलों से जैविक खाद बनाएगा। इसके लिए भी टीमें जुट गई हैं। भोपाल के खटलापुरा, शाहपुरा, प्रेमपुरा, रानी कमलापति, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ और हथाईखेड़ा डैम में पिछले 5 दिन से विसर्जन का दौर जारी है। डोल ग्यारस (एकादशी) के दिन ही एक हजार से अधिक मूर्तियों का विसर्जन हुआ था, जबकि गणेश चतुर्दशी के दिन 22 हजार से अधिक मूर्तियां विसर्जित की गई। लोगों ने केरवा, कोलार समेत आसपास नदी-तालाब में भी मूर्तियों का विसर्जन किया। देर रात तक दौर चला। वहीं, बुधवार सुबह फिर से घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। विसर्जन का सिलसिला अगले 2 दिन और चलेगा। बुधवार सुबह 10 बजे महापौर राय ने घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने सफाई भी की। देर रात तक निकला जुलूस
पुराना शहर के भारत टॉकीज चौराहा से हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में प्रतिमा विसर्जन चल समारोह निकाला गया। चल समारोह का शुभारंभ समिति के अध्यक्ष संतोष साहू, संरक्षक नारायण सिंह साहू, महामंत्री सुबोध जैन, प्रमोद नेमा, शरण खटीक व विवेक साहू ने बड़वाले महादेव मंदिर मार्ग की झांकी में विराजित गणेश प्रतिमा की पूजा-आरती के साथ किया। चल समारोह रात 9 बजे रिमझिम फुहारों के बीच शुरू हुआ, जो देर रात तक निकलता रहा। इसमें सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र जहां 15 से 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमाएं थीं। वहीं, रामलला के स्वरूप में गणेश प्रतिमाएं भी लोगों का ध्यान खींच रहीं थीं। हनुमानगंज गल्ला मंडी की झांकी में जय श्रीराम नाम लिखा गया था। इस नाम में ही पौराणिक प्रसंगों को दर्शाया गया था। पूजन सामग्री इकट्ठा कर रहे
सभी घाटों पर निगम की टीमें तैनात की गई, जो पूजन सामग्री इकट्ठा कर रही है। करीब 50 टन सामग्री एकट्ठा हुई है। वहीं, 1100 से अधिक बड़ी मूर्तियों का विसर्जन हुआ है। फूलों से जैविक खाद बनाई जाएगी। वहीं, बड़ी मूर्तियों से निकलने वाले बांस से ट्री-गार्ड बनेंगे।
भोपाल में मंगलमूर्ति श्रीगणेश को विदाई देने का सिलसिला दूसरे दिन बुधवार को भी जारी है। सुबह से विसर्जन जुलूस निकल रहे हैं। इधर, महापौर मालती राय खटलापुरा घाट पहुंचीं। जहां उन्होंने सफाई की। अब तक 22 हजार से अधिक छोटी-बड़ी मूर्तियों का विसर्जन हो चुका है। निगम बड़ी मूर्तियों से निकले बांस से ट्री-गार्ड और फूलों से जैविक खाद बनाएगा। इसके लिए भी टीमें जुट गई हैं। भोपाल के खटलापुरा, शाहपुरा, प्रेमपुरा, रानी कमलापति, संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ और हथाईखेड़ा डैम में पिछले 5 दिन से विसर्जन का दौर जारी है। डोल ग्यारस (एकादशी) के दिन ही एक हजार से अधिक मूर्तियों का विसर्जन हुआ था, जबकि गणेश चतुर्दशी के दिन 22 हजार से अधिक मूर्तियां विसर्जित की गई। लोगों ने केरवा, कोलार समेत आसपास नदी-तालाब में भी मूर्तियों का विसर्जन किया। देर रात तक दौर चला। वहीं, बुधवार सुबह फिर से घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। विसर्जन का सिलसिला अगले 2 दिन और चलेगा। बुधवार सुबह 10 बजे महापौर राय ने घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने सफाई भी की। देर रात तक निकला जुलूस
पुराना शहर के भारत टॉकीज चौराहा से हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में प्रतिमा विसर्जन चल समारोह निकाला गया। चल समारोह का शुभारंभ समिति के अध्यक्ष संतोष साहू, संरक्षक नारायण सिंह साहू, महामंत्री सुबोध जैन, प्रमोद नेमा, शरण खटीक व विवेक साहू ने बड़वाले महादेव मंदिर मार्ग की झांकी में विराजित गणेश प्रतिमा की पूजा-आरती के साथ किया। चल समारोह रात 9 बजे रिमझिम फुहारों के बीच शुरू हुआ, जो देर रात तक निकलता रहा। इसमें सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र जहां 15 से 21 फीट ऊंची गणेश प्रतिमाएं थीं। वहीं, रामलला के स्वरूप में गणेश प्रतिमाएं भी लोगों का ध्यान खींच रहीं थीं। हनुमानगंज गल्ला मंडी की झांकी में जय श्रीराम नाम लिखा गया था। इस नाम में ही पौराणिक प्रसंगों को दर्शाया गया था। पूजन सामग्री इकट्ठा कर रहे
सभी घाटों पर निगम की टीमें तैनात की गई, जो पूजन सामग्री इकट्ठा कर रही है। करीब 50 टन सामग्री एकट्ठा हुई है। वहीं, 1100 से अधिक बड़ी मूर्तियों का विसर्जन हुआ है। फूलों से जैविक खाद बनाई जाएगी। वहीं, बड़ी मूर्तियों से निकलने वाले बांस से ट्री-गार्ड बनेंगे।