रीवा में आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़े:जिला प्रशासन ने श्वानों की नसबंदी करवाने के दिए निर्देश

रीवा में लगातार आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। श्वान के काटने पर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या पर अगर नजर डाली जाए तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन भी इलाकों में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। वहां आवारा कुत्तों की नसबंदी करवाई जाए। जानकारी के मुताबिक संजय गांधी अस्पताल में हर महीने 600 से अधिक लोग रेबीज का इन्जेक्शन लगवाने आते हैं। अगस्त 2023 से लेकर अगस्त 2024 तक कुत्तों के काटने के 9000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 2024 में जनवरी में 1200 केस,फरवरी में 460 केस,मार्च में 480 केस,अप्रैल में 902 केस,मई में 910 केस, जून में 460 केस,जुलाई में 840 केस,अगस्त में 850 मामले सामने आए हैं। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिसके लिए एनीमल एपीसी गाइडलाइन बनाई गई है। जिसके तहत कुत्तों की नसबंदी का काम किया जाता है। जिसका परिपालन नगरीय निकाय करते हैं। नगर निगम रीवा को भी निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि इस संबंध में तत्परता से काम करें। इस तरह के इलाकों को चिन्हित करें जहां कुत्तों की नसबंदी नहीं हुई है। साथ में ये जागरुकता भी होनी चाहिए कि कई बार कुत्ते भूख की वजह से अग्रेसिव हो जाते हैं। इसलिए जागरुकता लाने के संबंध में भी नगर निगम को निर्देशित किया जाएगा।

रीवा में आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़े:जिला प्रशासन ने श्वानों की नसबंदी करवाने के दिए निर्देश
रीवा में लगातार आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। श्वान के काटने पर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या पर अगर नजर डाली जाए तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन भी इलाकों में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। वहां आवारा कुत्तों की नसबंदी करवाई जाए। जानकारी के मुताबिक संजय गांधी अस्पताल में हर महीने 600 से अधिक लोग रेबीज का इन्जेक्शन लगवाने आते हैं। अगस्त 2023 से लेकर अगस्त 2024 तक कुत्तों के काटने के 9000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 2024 में जनवरी में 1200 केस,फरवरी में 460 केस,मार्च में 480 केस,अप्रैल में 902 केस,मई में 910 केस, जून में 460 केस,जुलाई में 840 केस,अगस्त में 850 मामले सामने आए हैं। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि नगर निगम सीमा क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिसके लिए एनीमल एपीसी गाइडलाइन बनाई गई है। जिसके तहत कुत्तों की नसबंदी का काम किया जाता है। जिसका परिपालन नगरीय निकाय करते हैं। नगर निगम रीवा को भी निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि इस संबंध में तत्परता से काम करें। इस तरह के इलाकों को चिन्हित करें जहां कुत्तों की नसबंदी नहीं हुई है। साथ में ये जागरुकता भी होनी चाहिए कि कई बार कुत्ते भूख की वजह से अग्रेसिव हो जाते हैं। इसलिए जागरुकता लाने के संबंध में भी नगर निगम को निर्देशित किया जाएगा।