नारायणपुर में यूं तो सारे त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाते हैं किंतु बात जब देवों के देव महादेव की भक्ति और आराधना की होती है तो वह अपने चरम पर दिखाई देती है। हिंदू मान्यता के अनुसार फाल्गुन माह कि कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि को प्रभु भोलेनाथ ने पार्वती माता का वरण किया था तब से इस दिन महा शिवरात्रि पर्व त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
नारायणपुर क्षेत्र में जहां-जहां भोलेनाथ का दरबार सजा था वहां दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। कोई जल से अभिषेक कर रहा था तो कोई दूध व शहद से। सभी अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु भक्ति में लीन दिखाई दिए। बच्चों नें भी भोले भंडारी को रिझाने में कोई कमी नहीं छोड़ी और वे भी खासे उत्साहित होकर शिवलिंग के ऊपर बेलपत्र अर्पित करते हुए दिखाई दिए।
ऐतिहासिक नगरवन शिव मंदिर नारायणपुर में हर वर्ष की भांति शिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया है। इस पवित्र पर्व की तैयारियों को लेकर स्थानीय लोगों के सहयोग से मंदिर समिति सदस्यों ने करीब कई दिन पहले से ही जुटा हुआ था। मंदिर को इस पवित्र पर्व में फूलों से सजाया गया था, जिसके चलते मंदिर की सुंदरता देखते ही बन रही थी। प्रतिवर्ष की भांति नगरवन महादेव गुड़ी मन्दिर में 24 घंटे का अखण्ड कीर्तन रखा गया जिसमें दूर दूर से लोग आकर पूण्य का भागी बने। इस मंदिर में 24 घण्टा भंडारे की भी बहुत सुंदर व्यवस्था थी लोग यंहा का प्रसाद पाकर धन्य हो गए। नगरवन महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर्व की खूब धूम रही है। सुबह तडक़े से ही श्रद्धालु महादेव के दर्शनों के लिए उमडऩा शुरू हो गए थे। श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी न रहे इसके लिए भी व्यवस्थाएं की गई हैं। सारा दिन श्रद्धालु महादेव का आशीर्वाद ग्रहण करने के बाद उनके प्रसाद का आनन्द लेते रहे।
स्थानीय निवासीयों के द्वारा बताया जाता है कि नगर वन महादेव मंदिर का इतिहास डोम राजाओं के काल से जुड़ा हुआ है, पुरातन काल से चले आ रहे इस मंदिर से लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। हर साल यहां इस क्षेत्र के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। सरकार यदि सार्थक कदम उठाये तो इस प्राचीन मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। जशपुर के अन्य धार्मिक स्थलों की तर्ज पर यहां भी पर्यटन की आपार संभावनाये विकसित हो सकती है जिससे एक तो यंहा मेला लगने से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होगा वहीं दूसरी तरफ इस मंदिर के उत्थान से एवम क्षेत्र को पर्यटक स्वरूप देने से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन मिल सकते है।
*महाशिवरात्रि पर्व पर जामढोंढा में धूम धाम से निकली शिव की बारात*
देवाधिदेव महादेव के महापर्व महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को साहीडाँड़ के जामढोंढा पूरा शिवमय हो गई। मंदिरों में सुबह से हर-हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे थे। महाशिवरात्रि के अवसर पर में गाजे बाजे के साथ कैलाशपति भगवान माता पार्वती से ब्याह रचाने के लिए शाम 3 बजे ढोल नगाड़ा, डी जे कि धुन महिला पुरुष नाचते थिरकते हुए बारात निकाली गयी और शिव भजनों की धुनों पर नाचते गाते शिवभक्त पूरे हर्षोल्लास के साथ बारात में शामिल हुए।
इस दौरान गांव के बच्चे, बूढ़े,महिलाओं और युवाओं ने शिव बारात में बढचढ कर हिस्सा लिया। बारात को लेकर आम जन के बीच गजब का उत्साह देखने को मिला। । जगह जगह पर बारातियों का लोगों ने भव्य स्वागत किया। बारात मार्ग पर लोगों ने जमकर पुष्पवर्षा की।