Updates
  1. दुलदुला भाजपा मंडल अध्यक्ष के भांजा - भांजी को हॉस्पिटल देखने पहुंची विधायक गोमती साय : एक्सीडेंट उपरांत जिंदल हॉस्पिटल रायगढ़ में हो रहा है ईलाज
  2. चुनाव में अपने स्वतंत्र मताधिकार का उपयोग करने प्रशासन का अनोखा पहल,मतदाताओं को सादरी बोली में दिलाई गई शपथ
  3. नगर पंचायत अध्यक्ष रजनीश पाण्डेय ने थामा बीजेपी भी दामन
  4. स्वामी आत्मानंद स्कूल में विस क्षेत्र जशपुर -12 का कमिशनिंग कार्य हुआ संपन्न : प्रेक्षक की उपस्थिति में ईव्हीएम व वीवीपैट का किया गया कमिशनिंग
  5. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब, एवं सामग्री और भारी मात्रा में नकदी पर नजर रखने और गंभीरता से जाँच का निर्देश देते हुवे सरगुजा कमिश्नर जी आर चुरेंद्र ने किया स्थैतिक निगरानी दल जाँच नाका का आकस्मिक निरीक्षण
slider
slider

तीन तरफ पहाड़ और एक तरफ ईब नदी से घिरे ग्राम डोभ स्थित जशपुर जिले के इस देवस्थल पर होती है सभी मनोकामना पूर्ण : बाबा बजरू के दरबार में लोग आकर पाते हैं बड़े बड़े बीमारियों से निजात,होता है लोगों का जमावड़ा

news-details

 

नारायणपुर : जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत देवस्थल डोभ में बड़ी बड़ी बीमारियों का उपचार संभव है,रोजाना यहां बाबा के दरबार में भक्तों का तांता पूजा अर्चना और बीमारियों के उपचार के लिए लग रहा है। लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि यहां बीमारियों के उपचार में न तो झाड़ फूंक किया जाता है और न ही कोई दवा दी जाती है।यहां बीमारियों का उपचार चमत्कारी तरीके से हो रहा है।

ज्ञात हो कि जशपुर जिले के डोभ स्थित बाबा बजरू द्वारा निर्मित शिव भगवान का देवस्थल इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पूजा अर्चना के साथ साथ लोगों के बड़ी से बड़ी बीमारियों का उपचार चमत्कारी ढंग से होता है। यहां इलाज करा कर ठीक हो चुके लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि बाबा के दरबार में आने के बाद भगवान शिव की भक्ति भावना से पूजा अर्चना की जाती है।जिसके उपरांत बीमारी के हिसाब से भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए लोगों को कुछ दिन रेगुलर आने कहा जाता है और पूजा अर्चना के दौरान चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करने कहा जाता है जिसके असर से चमत्कारी ढंग से बीमारियों का उपचार हो जाता है। 

इस संबंध में जब बाबा बजरु से आज का दिन न्यूज डॉट कॉम के विशेष संवाददाता ने चर्चा किया तो बाबा बजरू ने बताया कि भगवान शिव की अराधना और पूजा के साथ साथ उनकी तपस्या के असर से यहां बीमारियों का उपचार संभव हो सका है। वे वर्ष 1996 से यहां निवासरत हैं और लगातार भगवान शिव की भक्ति में लीन हो पूजा अर्चना में लगे हैं।यहां एक चमत्कारी पेड़ भी है जिसके नीचे पूजा अर्चना करा भगवान के भक्ति में लीन होने का विशेष उपचार होता है। इस पेड़ का निचला हिस्सा कटा हुआ है जो जड़ से बिल्कुल अलग है और पेड़ का बाकी हिस्सा हवा में लटका है यह पेड़ जड़ से अलग होने के बाद भी आज दूसरे पेड़ के सहारे टीक कर आज भी जीवित है।बाबा ने बताया कि डोभ से एक किमी दूर बसंरा कोना ठुचकु पहाड़ पर वन विभाग अंतर्गत जंगल में कूप कटाई का कार्य कराया जा रहा था। उस समय वे भी कूप कटाई का काम किया करते थे।इस कार्य के दौरान बंसरा पहाड़ में उनके द्वारा एक पेड़ की कटाई की गई जिसमें आश्चर्यजनिक घटना घटी।उक्त पेड़ को जड़ से अलग काट कर किया गया लेकिन पेड़ जमीन में न गिर दूसरे बड़े पेड़ पर के सहारे हवा में ही लटक गया। उसी समय उनके अन्तरात्मा में तरंग उत्पन्न होने लगा और एक भक्ति भाव मन में आने लगा। मन ही मन वे सोचने लगे की छोटे छोटे पेड़ क्यों काट दिया जा रहा,मन में आए भूचाल के बाद वह उसी समय से पूजा पाठ और साधना करने लगे। बाबा बजरू आगे कहते है की लगभग 28 साल हो चुका है आज भी वह पेड़ निचे से पूरा कटा है परन्तु दुसरे पेड़ के सहारे वह ज़िंदा और निरंतर ही बढ़ता जा रहा है, बजरू बाबा उसको आश्चर्य मानते हुए आज वहां छोटी जगह पर देव स्थल बनाकर पूजा पाठ करते आ रहे हैं कई भक्त भी पैदल चल कर यहां निरंतर पूजा पाठ रहें है जिसका प्रतिसाद है कि रोजाना यहां 15 से 20 मरीज विभिन्न प्रकार के छोटे और बड़े बीमारियों के उपचार की आस में यहां पहुंच रहे जिनमें से अधिकांश का उपचार समय पर हो भी चुका है।बाबा बजरू ने बताया की वर्ष 1996 से उनके द्वारा यहां साधना कर भगवान शिव का छोटा धाम बनाया गया है,और भगवान शिव में आस्था और श्रद्धा रख वे लोगों के बीमारियों का उपचार कर रहे हैं।उपचार पद्धति में उनके द्वारा न तो कोई झाड फूंक किया जाता है और न कोई दवाई दिया जाता है।बल्कि उनके द्वारा उपचार कराने आए लोगों को भक्ति भाव से भगवान शिव का दर्शन और आशीर्वाद लेने विधिविधान से पूजा अर्चना करने यहां कुछ दिन बुलाया जाता है।बाबा बजरू का दावा है कि दृढ़ विश्वास और भक्ति भाव से यहां आए सैकड़ों लोगों का उपचार कर चुके हैं,जिसमें कुछ गंभीर बीमारी भी शामिल था।

बीमारियों से निजात पा चुके लोगों से जब इस विषय पर चर्चा किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि बाबा बजरू प्रतिदिन पूजा स्थल पर बैठते है और आशीर्वाद देते हैं,यहां जो भी लोग आते है और पूजा स्थल पर अपनी बिमारी के संबंध में बता पूरे श्रृद्धा और दृढ़ संकल्प के साथ मन ही मन बीमारी से निजात दिलाने का विनती करते हैं ऐसे सभी मरीजों को बाबा का आशीर्वाद मिलता है,और मरीजों को पूजा अर्चना और विनती के लिए यहां कुछ दिन लगातार आने का बात बाबा के द्वारा कहा जाता है जिसके प्रभाव से आश्चर्यजनक तरीके से यहां बीमारियां दूर हो रही है।यह सब खुले आसमान के नीचे हवा में लटक रहे एक पेड़ के नीचे बने देवस्थल पर ही किया जाता है।

ग्रामीण हिरेश्वर नायक ने बताया की वह कमर के गंभीर दर्द से एक महीना से पीड़ित था,जिसके उपचार के पिए वह अम्बिकापुर, सुन्दरगढ़, रांची,जैसे बड़े जगहों पर जाकर बड़े बड़े अस्पताल में इलाज करा चुका था लेकिन दर्द की परेशानी दूर नहीं हो रही थी,उसे किसी से इस देवस्थल के संबंध में जानकारी मिला वह समय निकाल यहां पहुंचे और निरंतर 15 दिन यहां आकर दृढ़ संकल्प के साथ पूजा अर्चना कर बाबा का आशीर्वाद लिए जिसके प्रभाव से आश्चर्य जनक तरीके से उसकी बीमारी दूर हो गई आज वह कमर के पीड़ादायक गंभीर दर्द से निजात पा चुका है।उसकी आस्था और विश्वास बाबा बजरू के शिव धाम से जुड़ चुका है। 

ग्राम आरा निवासी कुंती बाई ने बताया कि उसे गंभीर बीमारी के कारण चलने फिरने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था आलम यह था कि वह चल फिर भी ठीक से नहीं पा रही थी।बमुश्किल एक डंडे के सहारे किसी प्रकार चार कदम चल अपना जीवन यापन कर कई जगह अस्पतालों में उपचार करा थक चुकी।उसके पिताजी को इस शिव धाम के संबंध में जानकारी मिला जिसके बाद पिताजी यहां आने लगे और मुझे भी साथ यहां लाए फलस्वरूप कुछ दिन दृढ़ विश्वास और श्रृद्धा के साथ पूजा अर्चना उपरांत आज पूरी तरह स्वस्थ है और अपने पैरों पर पूरी तरह चल फिर रही है।

ग्राम तमिया निवासी कान्हा ने बताया कि वह अत्यंत ही गरीब परिवार से है और बीते कुछ माह से काफी बीमार था,उसे भी इस शिव धाम के संबंध में जानकारी मिला और वह भी यहां बाबा के बताए मार्ग पर चल विधिविधान से भगवान शिव का पूजा अर्चना किया जिसके प्रभाव से आज वह बीमारी से निजात पा चुका है।

 

whatsapp group
Related news