नितिन राजीव सिन्हा
भूपेश बघेल सरकार ने परम्पराओं के स्तर पर राज्यों की सीमाओं को लांघा है झारखंड,बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के महा पर्व छठ पर शासकीय अवकाश की घोषणा करके सामाजिक समरस्ता को पुख़्ता किया है ..,
भोजपुरी समाज इस पहल पर अपनी कृतज्ञता प्रकट भी करता है और उनके उद्गार तो यह भी है कि -
आदमी बुलबुला है
या पानी पर तैरता
हुआ अर्ध्य है
पानी की सतह
पर वह तैरता
भी है,बहता भी
है,डूबता भी है
और,डूब कर
वापस सतह
पर लौटता
भी है”सूर्य की
तपिश,जल की
शीतलता के
दरम्यान वह
ख़्वाहिशों की
दास्ताँ भी है..,”
छत्तीसगढ़ का समाज समावेशी हो यह सोच भूपेश बघेल की प्राथमिकताओं में शामिल है यह एक रचनात्मक पहल है,आज जबकि महाराष्ट्र,गुजरात जैसे राज्यों में प्रांत वाद के निशाने पर लोग हैं स्थानीयता के भाव राजनीतिक दुर्भावना के कारण बन गये हैं तब छत्तीसगढ़ में जो हुआ वह एतिहासिक हुआ भूपेश बघेल ने संकेत दे दिया कि ग़ैर प्रांतवाद का विष यहाँ फैलने नहीं दिया जायेगा..,इसलिये छठ पर्व पर अवकाश की घोषणा करके सरकार की प्राथमिकताओं को उन्होंने रेखांकित कर दिया है..,