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  1. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विधालय चिरमिरी में समर कैंप का हो रहा है आयोजन
  2. एकलव्य विद्यालय में प्रवेश हेतु राज्य के 28 जिलों में आयोजित प्रवेश परीक्षा में 81.83 प्रतिशत विद्यार्थी हुए शामिल : प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के निर्देश पर सफलता पूर्वक परीक्षा सम्पन्न,परीक्षार्थियों का तिलक लगाकर किया स्वागत
  3. भाजपा ने कहा भठली विधानसभा में होगा गुंडाराज का अंत और राम राज्य की होगी स्थापना : बीजेडी की गुंडागर्दी पर फूटा कलमीवासियों का ग़ुस्सा,दिया मुंहतोड़ जवाब
  4. जिला पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर ग्राम काडरो गोहरघाटी जंगल में चल रहे जुआ के बड़े फड़ पर छापा मारकर 03 आरोपियों को किया गिरफ्तार : आरोपियों से कुल नगदी रकम 40,370 /- (चालीस हजार तीन सौ सत्तर रू.) रू., 02 नग मोबाईल, 02 मोटर सायकल, 52 ताश-पत्ती एवं प्लास्टिक तिरपाल जप्त
  5. पुलिस अधीक्षक जशपुर के निर्देशन में एसडीओपी पत्थलगांव एवं नगर पंचायत पत्थलगांव द्वारा यातायात व्यवस्था सुगम बनाने हेतु संयुक्त रूप से किया गया कार्यवाही किया गया : नियमों के उल्लंघन करते पाये जाने पर गुमाश्ता एक्ट के तहत् किया गया कार्यवाही
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जब कफ़न की कमी पर जनता सवाल खड़े न करे,हिजाब चुनावों का मुद्दा बन जाये तब मोदी जैसे नेता का उद्भव काल होता है के,राष्ट्र गर्त में जा रहा होता है..,

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नितिन राजीव सिन्हा

देश,जब ग़द्दारों की पहचान सार्वजनिक मंचों से शुरू कर देता है तब राजनीति की दिशा व दशा बदल जाती है गंगा उल्टी बहती है यद्यपि कुछ साल पहले तक हम प्रतीक पुरूषों के प्रति निष्ठा के भाव रखते थे श्रीराम की उपासना करते थे गांधी,नेहरू,सुभाष के आज़ादी के आंदोलनों में योगदान पर चर्चा करते थे हज़ारों क्रांति के पथिक थे जिन पर हम श्रद्धा रखते थे पर,क्रांति की अलख जला रखने वाले हाथ गुरू गोलवलकर या श्यामा प्रसाद के भी रहे हों यह जानने की जिज्ञासा हमारी कभी न रही,माफ़ी माँगकर अंग्रेज़ों की कृपा पाने वाले नाम वीर सावरकर अथवा अटल जी के रहे हों यह गौण विषय था हमनें सावरकर के नाम पर इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में डाक टिकट जारी होते हुये देखा है अटल जी को देश का पीएम बनते हुये देखा है ..,

“सम्मान की समानता कांग्रेस के पचास से अधिक सालों की सत्ता काल की विशेषता रही है जो मोदी काल के इन सात वर्षों में गौण हुई है..,”

ख़ैर,महज कुछ माह हुये देश में स्वास्थ्य सेवाओं की विफलताओं ने लाखों लोगों की जिंदगी कोरोना काल में छीन ली लाशों को कफ़न दफन नसीब न हुआ पर,चुनाव का वह मुद्दा न बन पाया यह मोदी मैजिक है जिसकी सराहना होनी चाहिये पर,कर्नाटक के एक स्कूल में एक लड़की का हिजाब पहनना उसके पीछे भारत माता की जय या जै श्रीराम के और लड़की के द्वारा अल्लाह हू अकबर के नारे लगाना चुनावों के परिणामों को प्रभावित कर गया मसलन देश,इवेंट मोड में आ गया है वह मोदी के जुमलों पर मतदान कर रहा है मोदी के बनाये हुये गमलों में खाद पानी डालकर विशाल वृक्ष रूपी राष्ट्र के राष्ट्रवाद को गमलों में रोपित कर रहा है..,

डॉ.अंबेडकर ने सभी धर्मों की महिलाओं के लिये परदे से मुक्ति की बात कही थी शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है और शिक्षित करना समाज और सरकार की संवैधानिक ज़िम्मेदारी इसलिये तालीम के ऊपर लड़कियों को हिजाब चुनने के लिये प्रेरित करना प्रतिगामी है पर,यक्ष प्रश्न यह है कि चुनावों के दरमियाँ ऐसी अनहोनियाँ हो जाना के,पुलवामा में सीआरपीएफ़ जवानों की जानें जाया हो जाना,अभिनंदन का पाकिस्तान फ़ौज के हाथ लग जाना फिर मीडिया को बहस का मुद्दा मिल जाना और अब हिजाब पर बहस छिड़ जाना पर,चुनाव बीतते ही मोदी,मोदी,मोदी के नारों से देश के संसद का गूँज जाना उन मसलों के अंकुरण पर मठा डाल देता है,जो कोरोना काल की सरकार की विफलताओं पर पीएम नरेंद्र मोदी को टीवी पर दर्शकों के सामने फूट फूट कर रोने को मजबूर कर देता है...,

राष्ट्र का यह गर्त काल माना जाता है जब उन्माद मुद्दा बन जाता है यह मानसिक आतंकवाद का प्रस्फुटन है के,धर्मों के अंतर पर राष्ट्र विषपान करे,बेरोज़गारी,महँगाई के खिलाफ मतदान करने का साहस न करे यह काल मोदी का स्वर्ण काल है पर,आवाम इस दौर में अपनी दशा का मूल्याँकन करे तो बेहतर होगा कि संविधान की मर्यादायें आखिर क्यों तार तार हो रही हैं..,

जनता के लिये मीर हसन के लिखे हुये शेर सबक़ बन जायेंगे के,

सदा ऐश दौरां

दिखाता नहीं

गया वक़्त फिर

वापस आता नहीं..,

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