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बिजली वितरण कपंनियों के 17 कर्मचारियों व अधिकारियों के संगठनों ने कम्पनियों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में प्रदेश भर के कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा,

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मध्यप्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों के प्रस्तावित निजीकरण को रोकने के लिए 17 अधिकारी/कर्मचारी संगठनों के निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान द्वारा संचालित आंदोलन की कड़ी में आज सम्पूर्ण प्रदेश में जिला कलेक्टर्स के माध्यम से मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन प्रषित किये गए। इसी कड़ी में  रतलाम के जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर सभी संगठनों के प्रतिनिधि नेतागण, कर्मचारी उपस्थित थे।

कलेक्टर महोदय की ओर से एस.डी.एम. मेडम शिरानी जैन को ज्ञापन सौंपा गया ।

उल्लेखनीय है कि 20 सितंबर 2020 को केंद्र सरकार के द्वारा सभी राज्यों की बिजली कम्पनियों के निजीकरण किये जाने हेतु एक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी कर राज्य सरकारों को 32 सप्ताह में कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है । केंद्र सरकार ने इस संबंध में इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के माध्यम से बिजली वितरण कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है ।

अधिकारी/कर्मचारी संगठनों का मत है, कि सरकार केवल एक रुपये की लीज पर 15 साल के लिए बिजली कंपनियों की अरबों, खरबों की जमीनें, लाइनें, ट्रांसफॉर्मर, सब स्टेशन, अधोसंरचना, और परिसम्पत्तियां बडे पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है, इससे केवल पूंजीपतियों को ही लाभ होगा तथा सरकार, उपभोक्ताओं और अधिकारी/कर्मचारी तीनों वर्गों का नुकसान होगा । निजीकरण से उपभोक्ताओं को मँहगी बिजली मिलेगी, किसानों को पहले बिजली का बिल भरना होगा बाद में सब्सिडी किसानों के बैंक खाते में वापस करने का प्रावधान किया गया है । निजीकरण के बाद सरकारी अधिकारी/ कर्मचारी प्रायवेट कम्पनी के कर्मचारी हो जाएंगे, नौजवानों को सरकारी बिजली कंपनियों में नौकरी मिलने के अवसर समाप्त हो जाएंगे । इसके साथ ही वर्तमान में संविदा व आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से जो कर्मचारी बिजली वितरण कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं उन्हें नौकरी से निकाले जाने का संकट पैदा हो जाएगा । अधिकारी/ कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने निजीकरण का निर्णय लेने के पूर्व किसी भी कर्मचारी संगठन का मत, अभिमत या चर्चा तक नही की इससे कर्मचारी, पेंशनर्स, संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों में भय व रोष व्याप्त है । सरकार ने यह भी स्पष्ट नही किया है, कि वर्तमान में जो पेंशनर्स हैं अथवा जो भविष्य में सेवानिवृत्त होंगे उनकी पेंशन, ग्रेच्यूटी, सेवानीवर्त्ति लाभों को देने की जिम्मेदारी किसकी होगी ? संविदा तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया क्या होगी ?

बिजली कंपनियों का निजीकरण करने के सरकार के एकतरफा निर्णय के खिलाफ 17 अधिकारी/कर्मचारी संगठनों ने मिलकर निजीकरण को रोकने के लिए निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा के गठन कर सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आंदोलन का शंखनाद कर दिया है । दिनाँक 05 फरवरी 2021 को जबलपुर में व 15 फरवरी 21 को इंदौर में बड़ी रैलियां करके विरोध दर्ज कराया गया था,  इसी कड़ी में आज 05 मार्च 21 जो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित किये गए हैं । संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि बिजली कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोक जाए तथा संयुक्त मोर्चा को चर्चा के लिए आमंत्रित कर कर्मचारियों की मांगों का त्वरित समाधान किया जाए अन्यथा मजबूर होकर संयुक्त मोर्चा प्रदेश में एक बड़े आंदोलन के लिए अग्रसर होगा।

सयुंक्त मोर्चा के सभी कर्मचारियों को चंद्रशेखर शर्मा तथा अरविन्द सोनी ने संबोधित किया, ज्ञापन का वाचन 

वृत्त कोर कमेटी के सदस्य संजय कुमार वोहरा ने किया ।*

ज्ञापन देने से पूर्व घटक संगठनों के सभी संभागीय कार्यालय से आये सैकड़ों अधिकारियों/कर्माचारियों द्वारा जिला कलेक्टोरेट कार्यालय प्रांगण में नारेबाजी की गई ।

ज्ञापन के समय 

पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर एसोसिएशन* से इंजी. विनयप्रताप सिंह, इंजी. जयपाल सिंह ठाकुर 

पत्रोंपाधि अभियंता संघ, से इंजी. महेंद्र जैन, इंजी. एल.के. मल्होत्रा, इंजी. दीपक शर्मा, इंजी. राजप्रताप सिंह, 

बिजली कर्मचारी महासंघ, से चंद्रशेखर शर्मा, लोकेश कटारिया, मोहनलाल जादव, एम.एस. जावेद, राजेश जोशी, मुकेश उपाध्याय, निखिलेश शर्मा, दिनेश निगम, महेश पांडे, श्यामलाल चौहान, गोवर्धन राठौर, पराग मग, अमित पाटीदार 

विद्युत कर्मचारी संघ (फेडरेशन), से अरविन्द सोनी, अनिल कुमावत, महेश गोयल, श्यामलाल विजयवर्गीय, चंद्रकांत तावरे, रतन जाट, अरविन्द गहलोत, राजू जाधव, अजय गुप्ता,  राजेश गर्ग, नरेश गहलोत, ऋषि मकवाना, मो. ज़मींल खान

बाह्यस्त्रोत विद्युत कर्मचारी संगठन, से राजकुमार शाह, गुलाब सिंह पंवार, लोकेन्द्र सिंह, 

संविदा प्रकोष्ठ,* से समरथ बागडे, वरुण पाठक, पीटर 

विद्युत मंडल पेंशनर ऐसोसिएशन से - जे.पी.भट्ट, नरेंद्र शुक्ला,

विद्युत मंडल पेंशनर महासंघ, से  बालकिशन प्रजापति आदि सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी अधिकारी मौजूद थे । 

अंत मे आभार राजेश जोशी ने व्यक्त किया।

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