जशपुर : ईब नदी व्यपर्तन योजना से 8 ग्राम के किसानों को लाभ पहुंच रहा है,कुनकुरी ब्लॉक के नारायणपुर क्षेत्र में लोगों को खेती करने में इससे भरपूर फायदा भी हो रहा है।जल संसाधन विभाग के अनुसार गर्मी में ईब व्यपवर्तन से 365.80 हेक्टेयर में फसल उत्पादन हो रहा है। यहां के किसान धान के साथ साथ सब्जी के क्षेत्र में उत्पादन कर लाभ उठा रहे हैं।
ज्ञात हो कि बेने में बने डैम से इन दिनों नहर में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी बदौलत आसपास के 8 गांव के किसान सब्जी व अनाज का उत्पादन भी स्थानीय किसानों के द्वारा किया जा रहा है। उक्ताशय की जानकारी देते हुवे जल संसाधन विभाग के ईई विजय जामनिक ने बताया कि ईब नदी व्यपर्तन योजना के तहत नहर का मरम्मत बीते वर्ष बरसात उपरांत की गई थी और इस वक्त नहर के कुछ हिस्सों में और भी मरम्मत किया जाना है,चूंकि इस वक्त किसान खेतों में फसल लगा सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं ऐसे में नहर को बंद नहीं किया जा सकता है फलस्वरूप नगर से पानी किसानों को फसल उत्पादन के उद्देश्य से दिया जा रहा है। सब्जियों का उत्पादन हो जाने के बाद नहर में पानी रोककर आगे के हिस्से की भी मरम्मत कर दी जाएगी, ताकि और अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। वर्तमान में नहर की बदौलत लगभग हर तरह की सब्जियों के अलावा गेहूं और सरसों की फसल को पानी मिल रहा है। पानी की उपलब्धता को देखते हुए ग्रीष्मकालीन धान भी यहां किसान लगाते हैं। इस वक्त तकरीबन 186 हेक्टेयर में किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान भी लगाया है। हालांकि ग्रीष्मकालीन धान के उत्पादन पर प्रतिबंध है,लेकिन किसानों ने पानी की उपलब्धता के आधार पर पतले धान लगाए हैं।
श्री जामनिक ने आगे बताया कि जिन इलाकों में किसान सब्जियां उगा रहे हैं, वह बगीचा, कुनकुरी और जशपुर के बीच का क्षेत्र है। इस इलाके से किसान जशपुर, कुनकुरी और बगीचा के बाजार में सब्जियां बेचने पहुंचते हैं। कुछ दिनों बाद ग्रीष्मकालीन सब्जियां किसानों की बाड़ी से निकलनी शुरू होगी। लोकल आवक बढ़ने से बाजार में सब्जियों में दाम में कमी आ सकती है। इसके अलावा लोगों को बगैर रासायनिक खाद वाली सब्जियां भी मिल सकेंगी।
इन क्षेत्रों में हो किसानों को नहर से मिल रहा पानी
ग्राम चटकपुर में 16 हेक्टेयर में गेहूं, 4 हेक्टेयर में सब्जी व 23 हेक्टेयर में धान का उत्पादन हो रहा है। इसी तरह बासनताला में 12 हेक्टेयर में गेहूं, 1.9 हेक्टेयर में सब्जी और 88.45 हेक्टेयर में धान का उत्पादन किसान कर रहे हैं। इसके अलावा रेंगारघाट, बिलासपुर, जोरातराई, नवापारा, चिटकवाईन, बेने, हस्तिनापुर, बोड़ोलाता, चरईमारा, पतराटोली, बेने तेतरटोली में किसान अनाज व सब्जियों के लिए नहर से पानी मिल रहा है। नहर की बदौलत सबसे अधिक ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई गई है।