जशपुर : जशपुर जिला मुख्यालय में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति का निराकरण किये जाने के संबंध संयुक्त मोर्चा लिपिक संघ ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
संयुक्त मोर्चा लिपिक संघ के बैनर तले सौंपे ज्ञापन में मांग किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से लिपिक संवर्गों के वेतनमानों में निरंतर क्षरण को दूर करने तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के सामान्य हितों का संरक्षण एवं लिपिकों के हितों के लिए लिपिक संघों द्वारा निरंतर संघर्ष किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा लगभग सभी वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन विसंगति का मामला निराकृत किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लिपिक संवर्गों के वेतनमान के निराकरण करने हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। समिति द्वारा अनुशंसित अनेक संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन कर निराकरण किया गया किन्तु जिस संवर्ग (लिपिक) के लिए समिति का गठन किया गया समिति द्वारा अनुशंसा के पश्चात भी लिपिकों के वेतनमानों में उन्नयन नहीं किया गया उक्त समिति द्वारा जिन संवर्गों के वेतनमान के उन्नयन के लिए अनुशंसा नहीं भी की गई थी उन संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन शासन द्वारा किया जा चुका है। जिसके कारण लिपिक संवर्ग में कुण्ठा एवं निराशा का वातावरण निर्मित हो रहा है।
राज्य शासन द्वारा सातवें वेतनमान में पटवारियों, शिक्षाकर्मियो / शिक्षकों, कृषि विभाग एवं पशुधन विभाग में कर्मचारियों का वेतन विसंगति का निराकरण कर सम्मानजन वेतनमान निर्धारित किया गया है। वर्तमान में वेतन विसंगति हेतु गठित श्री पिंगुआ समिति एवं श्री कमल प्रीत सिंह समिति के समक्ष भी लिपिक संघों द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है, किंतु समिति की कार्यवाही अत्यंत धीमी गति से होने के कारण लिपिकों में निराशा व्याप्त है।संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर जशपुर को ज्ञापन सौंप सरकार से मांग किया है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर कराने हेतु आवश्यक पहल करें। ताकि लिपिकों को वर्षों से हो रही पीड़ा एवं समकक्ष साथियों के बीच हो रहे असम्मान से मुक्ति मिल सके।