समुद्र : एक शरारती बच्चा /
मैंने किनारे से समुद्र को देखा
वह मुझे विराट और सुंदर लगा
मैं उसके थोड़ा और पास खिसक आया
वह मुझे थोड़ा परिचित-सा लगा
शोर करते हुए बार-बार मुझे छूकर
भाग जाने वाले शरारती बच्चे जैसा
मैं थोड़ा उसके भीतर गया
तो ऐसा लगा कि वह मुझे खींचकर
अपने साथ कहीं ले जाना चाहता है
मैं डरकर उससे थोड़ी दूर भाग आया
उसके बाद मैंने कुछ नहीं किया
आंखें मूंदे उसकी रेत पर लेटा-लेटा
देर तक समुद्र का शोर सुनता रहा
उसी बीच अचानक मुझे लगा
कि समुद्र अपनी जगह छोड़कर
उतर आया है कहीं मेरे भीतर
एकदम स्थिर, शांत और मासूम
उस दिन पहली बार मुझे लगा
विराट, अथाह, असीम जैसा कुछ नहीं
समुद्र दरअसल एक शरारती बच्चा ही है
उसके साथ कुछ देर खेल लेने के बाद
उसे साथ लेकर घर जाना चाहिए मुझे।
ध्रुव गुप्त
पूर्व आई पी एस अधिकारी