ऐ मेरी ज़ान-ऐ- ग़ज़ल बेशक़ तू मुझसे प्यार न कर
प्यार सच्चा है मेरा जानम, इस बात से इनकार न कर।
[उपरोक्त ग़ज़ल का मुखड़ा आगामी प्रकाशन के लिए है]
ग़ज़ल
बहुत,समझाया है हमने दिल -ए - नादां दिवाने को
तेरी रातों की किस्मत में, सवेरा हो नहीं सकता।
तू भूले से जमाने में किसी से प्यार ना करना
जिसे तू प्यार कर लेगा वो तेरा हो नहीं सकता।
तेरी रातों की....
जिन्हें मेरी मोहब्बत की थोड़ी कदर नहीं है
हमने ये मान लिया है वो मेरा हो नहीं सकता।
तेरी रातों की .....
दिल के चमन को छोड़कर फरिश्ते चले गए हैं
बहारों का चमन में अब बसेरा हो नहीं सकता।
तेरी रातों की....
"बेबस" तुम्हारी प्यार में मिट कर ये दुआ देता है
तेरी राह -ए -जिंदगी में अंधेरा हो नहीं सकता।
तेरी रातो की....
बेबस[ चिरमिरी कोरिया छ ग़]
मोबाइल: 7354302509