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नई शिक्षा नीति को लेकर श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में मंथन

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नई शिक्षा नीति 2020 पर मंथन: नए ज्ञान को आत्मसात करने की जरुरत-कुलपति प्रो. झा 

भिलाई - श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई के आईक्यूएसी सेल द्वरा शनिवार 23 फ़रवरी 2024 को नई शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन, विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को जानकारी प्रादान करने एवं प्रचार-प्रसार हेतु  एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. आयोजन के मुख्यवक्ता प्रो. (डॉ.) जी.ए. घनश्याम, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम मॉडल कालेज, बिलासपुर रहें. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ. ए.के. झा ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में पी.के. मिश्रा, कुलसचिव एवं प्रो. (डॉ.) सुशीलचन्द्र, डायरेक्टर, यूनिवर्सिटी, डेवलपमेंट उपस्थित रहें.  इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें कुलपति प्रो. झा ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के संबंध में गांधी जी का तात्पर्य बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है। इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद का कहना था कि मनुष्य की अंर्तनिहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। इन्हीं सब चर्चाओं के मध्य हम देखेंगे कि 1986 की शिक्षा नीति में ऐसी क्या कमियाँ रह गई थीं जिन्हें दूर करने के लिये नई राष्ट्रीय शिक्षा नति को लाने की आवश्यकता पड़ी। साथ ही क्या यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति उन उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होगी जिसका स्वप्न महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद ने देखा था? उन्होंने कहा कि  21वीं सदी के भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव हेतु जिस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को मंज़ूरी दी है अगर उसका क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नई प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी। नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंतर्गत रखा गया है. 34 वर्षों पश्चात् आई इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है जिसका लक्ष्य 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है। स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-विश्लेषण, जैवप्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी. कार्यक्रम के मुख्यवक्ता प्रो. (डॉ.) जी.ए. घनश्याम द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के साथ-साथ चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से लेकर विद्यार्थी परिणाम एवं रोजगार 2020 के क्रियान्वयन के साथ-साथ चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से लेकर विद्यार्थी परिणाम एवं रोजगार के अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और परियोजना कार्यों के बारे में पीपीटी के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। प्रो. घनश्याम ने बताया कि यह शिक्षा पद्घति क्रेडिट दी जाएगी। स्नातक पाठ्यक्रम चार वर्ष का होगा। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम एक वर्ष का होगा। पाठ्यक्रम में मेजर माइनर इलेक्टिव व वोकेशनल विषय रहेंगे। प्रत्येक विद्यार्थी की पर्यावरण, दुग्ध उद्योग, बेकरी उद्योग, बागवानी, पैथालॉजी, बैंकिंग कार्यों का प्रोटेक्ट प्रेजेंटेशन इंटर्नशिप, ऑपरेंटिस वर्कशाप, सेमिनार, संगोष्ठी का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। कार्यशाला का प्रो.  स्वर्नाली दास पाल आईक्यूएसी सेल की प्रभारी के संयोजन एवं डॉ. रवि श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रिसर्च के सह-संयोजन में संपन्न हुआ. कार्यशाला के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. रवि श्रीवास्तव ने की. प्रशिक्षण कार्यशाला में एसएसटीसी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, श्री शंकराचार्य महाविद्यालय,जुनवानी एवं एसएसपीयू के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, कर्मचारियों, अधिकारीयों एवं प्राध्यापकों की बड़ी संख्या में की उपस्थिति रही । 

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