Updates
  1. कामर्स विषय से 12 वीं की कक्षा में आयुषी गुप्ता ने 96.80 प्रतिशत ला राज्य में हासिल किया तीसरा स्थान,स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की छात्रा आयुषी ने सफलता के पीछे शिक्षकों और परिवारजनों का हाथ
  2. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल जशपुर कि छात्रा सिमरन सबा ने किया जशपुर जिले का नाम रौशन : 99.5 प्रतिशत ला किया राज्य में प्रथम स्थान हासिल
  3. अजीबो गरीब दुर्घटना यहाँ थोक मे एक साथ बस,ट्रेलर,ट्रक,407 और स्कार्पियो का हुआ एक्सीडेंट,बाल बाल बचे चालक
  4. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के बीच जारी हुवा एक के बाद एक लगातार दो नियुक्ति आदेश,आईएएस चंदन कुमार को मिला आयुक्त चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार साथ ही अधिष्ठाता डॉ.यू.एस. पैकरा को मिला संचालक,चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार
  5. व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की विभिन्न प्रवेश एवं पात्रता परीक्षाओं की तिथियों में संशोधन
slider
slider

२०२३ छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के लिये गले की हड्डी बन गया है पंद्रह साल सत्ता में रहनें वालों ने इस चुनाव मे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का चेहरा पर्दे के पीछे छुपा दिया है सीएम फेस के बिना चुनाव लड़ने की मजबूरी का नाम मोदी है पर,मुखौटा मोदी रेल फेल की भेंट चढ़ता हुआ दिख रहा है ‘ कोयले की ढुलाई ने यात्री सेवाओं को दुभर बना दिया है के,कोयला अदानी का..,

news-details

नितिन राजीव सिन्हा 

इन दिनों कुआँ ठाकुर का शेर पर खूब बहस छिड़ी हुई है पर,छत्तीसगढ़ में मामला दीगर है यहाँ पंद्रह सालों तक २००३-२०१८ तक भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही उनके मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह रहे पर,२०२३ के चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरूद्ध भाजपा सीएम फेस घोषित करने में घबरा रही है रमन सिंह को जनता के सामने पार्टी का चेहरा बनाकर लाने का साहस नहीं जुटा पा रही है आख़िर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई भाजपा की सत्ता बिहार के चारा घोटाले की तर्ज़ पर राशन कार्ड और हज़ारों करोड़ रूपये के राशन घोटाला की खोखली नींव पर क़ाबिज़ थी कहा जाता है कि चुनावी रणनीति बनाने और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने मे कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता दिवंगत अजीत जोगी का कथित सहयोग भी भाजपा के साथ था था यह अकल्पनीय है पर,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के यही आरोप रहे हैं..,

२०२३ का विधानसभा चुनाव भाजपा पीएम मोदी के मुखौटे पर लड़ने जा रही है पर,विगत तीन सालों से रेल यात्री सेवा के नाम पर जो ग़लत हुआ वह विगत सत्तर सालों में न हुआ था रेल सेनायें लगातार ध्वस्त होती रही है औसतन तीस से चालीस यात्री ट्रेनें प्रति दिन कैंसल की जाती रही हैं दैनिक यात्रियों के स्थिति दुभर हो गई है वहीं रेल परिचालन क्षेत्रों में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ छात्रायें स्कूल कॉलेज जाने के लिये रेल सेवाओं पर आश्रित थीं पर,अब उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है घर बैठ गई हैं जिस पर जनता के सुलगते हुए सवाल पीएम मोदी से हैं पर,जवाब अब भी लंबित है के,ज़मीन आदिवासी की,कोयला अदानी का..,

दूसरी तरफ़ भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर छत्तीसगढ़ियों के आत्म सम्मान पर राजनीति की है गाँव गरीब की सुध ली है गाँवों में संपन्नता आई है शहरों में शिक्षा स्वास्थ्य सुविधायें रियायती दरों पर उपलब्ध हुई है जिसका विरोध करने का साहस भाजपा नेतृत्व जुटा नहीं पा रहा है..,

मूलतः दीगर प्रांतों के लोगों के हाथों में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व देने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिये यह चुनाव चुनौती भरा है कि वह कांग्रेस की छत्तीसगढ़ियों के उन्नयन की नीतियों के विरोध में अपनी बात कैसे रखें..,

वहीं पंद्रह सालों तक सत्ता में रही भाजपा की रमन सिंह सरकार पर जनता के आरोप हैं कि वह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई सरकार थी जन सरोकार वहाँ नगण्य था टूटी सायकिल में चलने वाले भाजपाईयों को महँगी कारों के मालिक बनते हुए जनता ने अपनी खुली आँखों से देखा है ज़मीनों की लूट उनके हाथों होते हुए सबने देखा है तत्कालीन सीएम रमन सिंह ने २०१८ के विधानसभा चुनाव से पहले सार्वजनिक मंच से भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि एक साल कमीशन लेना बंद कर दो तीस साल हम सत्ता में रहेंगे पर,वह हो न सका ..,

पनामा पेपर लीक मामला,अगुस्टा हैलीकाप्टर,अंतागढ कांड,झीरम घाटी कांड,पीएमटी पेपर लीक घोटाला,ऐश्वर्या रेसीडेंसी रायपुर में रहने वाली चर्चित कमीशन खोर मोहतरमा,नॉन डॉयरी वाली सीएम मैडम वग़ैरह वग़ैरह ऐसे सैकड़ों दाग हैं जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के कपड़ों पर लगे हुए हैं पर,मुखौटा मोदी हैं तो लोग कह रहे हैं कि,दाग अच्छे हैं..,

वैसे भाजपा में कई चेहरों जो बड़े चेहरे कहे जाते हैं उसमें रमन सिंह के अलावा प्रेम प्रकाश पांडेय,बृजमोहन अग्रवाल,अमर अग्रवाल,धरम लाल कौशिक,अजय चंद्राकर और राम विचार नेताम पर,विडंबना यही है कि जनता के समक्ष स्वीकार्यता का अभाव भाजपा नेतृत्व के लिये गले की हड्डी बन गई है न वह उगलते बन रही है न निगलते इसलिये सीएम भूपेश बघेल के समक्ष पीएम मोदी का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ने की मजबूरी कई सवाल खड़े करती है कि,कहीं मैदान पर उतरने से पहले ही मैदान छोड़ने की कोंई अघोषित क़वायद तो नहीं हो रही है कि न रमन पर भरोसा है न बृजमोहन पर मसलन आगे कुआँ पीछे मोदी वाली कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है..,

दाग देहलवी के शेर हैं कि,-

खूब पर्दा है 

कि चिलमन से

लगे बैठे हैं साफ

छुपते भी नहीं 

सामने आते 

भी नहीं.,,

whatsapp group
Related news