नितिन राजीव सिन्हा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नहीं जा रहे हैं विपक्षी गठबंधन मणिपुर में हो रही निरंतर हिंसा पर डबल इंजन की सरकार की विफलताओं के मद्देनज़र सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं पर,पीएम नरेंद्र मोदी मणिपुर के ‘म’बोलने की बजाय विपक्ष गठबंधन को घमंडिया नाम देकर चिढ़ा रहे हैं जिस पर प्रश्न यह उठता है कि,आख़िर प्रधानमंत्री पद पर बैठे हुए व्यक्ति के पास इतना वक्त कैसे है कि वह बच्चों की भाँति जीभ निकाले,दिखायें और हंसते हुए भाग खड़ा हो यह सब बालमन की बातें हैं पर,मोदी के मन की बातें भी इसी स्तर की हों यह उम्मीद देश को क़तई न थी..,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन इंडिया को नया नाम भाजपा संसदीय दल की बैठक में दिया हैं उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की तुलना क्रिकेट मैच के अंतिम ओवर से करते हुए सांसदों से छक्का मारकर जीतने को कहा..,
उन्होंने मणिपुर के मर्म के म बोलने से परहेज़ करते हुए कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव सरकार के विरूद्ध नहीं है बल्कि खुद के ऊपर भरोसे को परखने की कोशिश है वे कहते हैं कि कुछ लोगों को बहुत घमंड है और वे तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं ये लोग गठबंधन बनाकर भाजपा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं वे कहते हैं कि घमंडिया गठबंधन का हमें एकता से जवाब देना है..,
सनद रहे कि अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर में २ मई २०२३ से शुरू हुई हिंसा,जिसमें १६० से ज़्यादा लोगों की जानें गई है वहाँ जनजीवन अस्थिर हुआ है के परिप्रेक्ष्य में हैं पर,पीएम मोदी मणिपुर पर मुँह नहीं खोल रहे हैं बल्कि मुद्दे पर से वे ध्यान भटकाने के प्रयास में हैं जो देश के प्रबुद्ध वर्ग को विचलित कर रहा है पर, करें क्या दिल तो बच्चा है जी वह बाल मन की बात करता है जी..,
अहया भोजपुरी के शेर हैं कि,-
मिला है तखत
जो जम्हूरियत
में बंदर को तो नहीं
उनसे क्या सभी
जंगल के शेर
डर जायें..,