Updates
  1. भाजपा लोकसभा प्रत्याशी सुश्री सरोज पाण्डेय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अधिवक्ता संघ मनेंद्रगढ़ के सदस्यों से सभाकक्ष में की मुलाकात
  2. भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय के बैकुंठपुर रोड शो में शामिल हुए हजारों शहरी ग्रामीण मतदाता और भाजपाई
  3. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल शनिवार को खड़गवां में करेंगे आमसभा को संबोधित, कई दिग्गज भाजपा नेता भी रहेंगे उपस्थित
  4. प्रदेश की 11 सीटों पर प्रचंड जीत सहित केंद्र में भाजपा कर रही 400 पार– गणेश यादव ,महाकूल समाज के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में हुई अहम बैठक, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप मुख्य अतिथि के रूप में रहे शामिल, जानिए कहां हुई जनसभा...*
  5. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल एक बार फिर एक्शन मोड में,मतदान दल के प्रशिक्षण में अनुपस्थितः मतदान अधिकार क्रमांक-03 निलंबित
slider
slider

पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा 15 मार्च को कॉर्पोरेट विरोधी दिवस, निजीकरण के खिलाफ होंगे प्रदर्शन

news-details

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और 500 से अधिक किसान संगठनों के साझे मोर्चे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर छत्तीसगढ़ में भी छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ किसान सभा सहित इससे जुड़े अन्य घटक संगठन 15 मार्च को कॉर्पोरेट विरोधी दिवस मनाएंगे और महंगाई और निजीकरण के खिलाफ जिलों और ब्लॉकों में प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। 


यह जानकारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, आलोक शुक्ला, संजय पराते, नंद कश्यप, रमाकांत बंजारे आदि ने दी। उन्होंने बताया कि इस दिन प्रदेश में कुछ स्थानों पर मजदूर संगठनों के साथ मिलकर रेलवे स्टेशनों पर भी निजीकरण के खिलाफ  प्रदर्शन किये जायेंगे। इन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के जरिये कृषि विरोधी कानून वापस लेने, सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों को रोकने और रेलवे, बैंक, बीमा सहित अन्य सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।


उन्होंने कहा है कि हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं। उनका संघर्ष उस समूची अर्थव्यवस्था के कारपोरेटीकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा। इसलिए देश का किसान आंदोलन इन काले कानूनों की वापसी के लिए खंदक की लड़ाई लड़ रहा है और अपनी अटूट एकता के बल पर इस आंदोलन को तोड़ने की सरकार की साजिशों को मात दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस देशव्यापी आंदोलन को तेज करने के लिए पूरे प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर किसान पंचायतें आयोजित करने का सिलसिला भी शुरू किया जा रहा है।


(सुदेश टीकम, आलोक शुक्ला, संजय पराते आदि द्वारा जारी)

whatsapp group
Related news