विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी पोत और फिलीपीन के आपूर्ति जहाज की टक्कर : चीन

बीजिंग, 17 जून। दक्षिण चीन सागर में विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह के निकट सोमवार को एक चीनी जहाज और फिलीपीन के एक आपूर्ति जहाज के बीच टक्कर हो गई। चीन के तटरक्षक बल ने यह दावा किया। तटरक्षक ने कहा कि फिलीपीन का एक आपूर्ति जहाज स्प्रैटली द्वीप समूह में जलमग्न चट्टान सेकंड थॉमस शोल के निकट जलक्षेत्र में घुस आया। स्प्रैटली द्वीप समूह पर कई देश अपने-अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करते हैं। चीनी तटरक्षक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर एक बयान में कहा कि फिलीपीन का एक आपूर्ति जहाज चीन द्वारा बार-बार दी गयी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए गैर-पेशेवर तरीके से एक चीनी जहाज के पास खतरनाक तरीके से पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हो गयी। बयान के मुताबिक, इस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से फिलीपीन जिम्मेदार है। वहीं, फिलीपीन का कहना है कि सेकंड थॉमस शोल उसके समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील (लगभग 370 किलोमीटर) से भी कम दूरी पर स्थित है और उसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेष आर्थिक क्षेत्र में पड़ता है। फिलीपीन अक्सर वर्ष 2016 की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता व्यवस्था का हवाला देता है, जिसमें ऐतिहासिक आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावों को अमान्य करार दिया गया है।(एपी)

विवादित दक्षिण चीन सागर में चीनी पोत और फिलीपीन के आपूर्ति जहाज की टक्कर : चीन
बीजिंग, 17 जून। दक्षिण चीन सागर में विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह के निकट सोमवार को एक चीनी जहाज और फिलीपीन के एक आपूर्ति जहाज के बीच टक्कर हो गई। चीन के तटरक्षक बल ने यह दावा किया। तटरक्षक ने कहा कि फिलीपीन का एक आपूर्ति जहाज स्प्रैटली द्वीप समूह में जलमग्न चट्टान सेकंड थॉमस शोल के निकट जलक्षेत्र में घुस आया। स्प्रैटली द्वीप समूह पर कई देश अपने-अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करते हैं। चीनी तटरक्षक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर एक बयान में कहा कि फिलीपीन का एक आपूर्ति जहाज चीन द्वारा बार-बार दी गयी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए गैर-पेशेवर तरीके से एक चीनी जहाज के पास खतरनाक तरीके से पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हो गयी। बयान के मुताबिक, इस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से फिलीपीन जिम्मेदार है। वहीं, फिलीपीन का कहना है कि सेकंड थॉमस शोल उसके समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील (लगभग 370 किलोमीटर) से भी कम दूरी पर स्थित है और उसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेष आर्थिक क्षेत्र में पड़ता है। फिलीपीन अक्सर वर्ष 2016 की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता व्यवस्था का हवाला देता है, जिसमें ऐतिहासिक आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावों को अमान्य करार दिया गया है।(एपी)