चीन से समझौते के बाद भारत दौरे पर आए भूटान के प्रधानमंत्री
चीन से समझौते के बाद भारत दौरे पर आए भूटान के प्रधानमंत्री
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे भारत के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. पद ग्रहण करने के बाद वो पहली बार किसी देश की यात्रा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भूटानी समकक्ष के साथ कई मुददों पर बात करेंगे.
टोबगे का भारत दौरा तब हो रहा है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान पर विचार कर रहे हैं, जिसका भारत के सुरक्षा हितों पर असर पड़ सकता है.
करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से वार्ता की थी.
चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि भूटान वन चाइना सिद्धांत को दृढ़ता से मानता है और सीमा संबंधी मुद्दों के जल्द समाधान के लिए चीन के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.
सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन के बीच होने वाली वार्ता पर भारत की नज़र है, ख़ासकर डोकलाम ट्राई जंक्शन को लेकर.
सीमा विवाद को हल करने के लिए भूटान और चीन के बीच अक्टूबर 2021 में तीन चरण वाले एक रोडमैप के समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था.
यह समझौता चार साल पहले डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद हुआ था.(bbc.com/hindi)
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे भारत के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. पद ग्रहण करने के बाद वो पहली बार किसी देश की यात्रा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भूटानी समकक्ष के साथ कई मुददों पर बात करेंगे.
टोबगे का भारत दौरा तब हो रहा है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान पर विचार कर रहे हैं, जिसका भारत के सुरक्षा हितों पर असर पड़ सकता है.
करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से वार्ता की थी.
चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि भूटान वन चाइना सिद्धांत को दृढ़ता से मानता है और सीमा संबंधी मुद्दों के जल्द समाधान के लिए चीन के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.
सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन के बीच होने वाली वार्ता पर भारत की नज़र है, ख़ासकर डोकलाम ट्राई जंक्शन को लेकर.
सीमा विवाद को हल करने के लिए भूटान और चीन के बीच अक्टूबर 2021 में तीन चरण वाले एक रोडमैप के समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था.
यह समझौता चार साल पहले डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद हुआ था.(bbc.com/hindi)