जशपुर-आज विश्व में विश्व साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है,इस दौरान 5 लाख से भी ज्यादा साक्षर प्रेरक इस दिवस को काला दिवस के रूप में भी मना रहे हैं। ज्ञात हो की राज्य में शिक्षा का अलख जगाने भाजपा सरकार के द्वारा साक्षर प्रेरकों की नियुक्ति मात्र 2000₹ के अल्प दर में किया गया था,जिसमें 5 लाख से भी ज्यादा प्रेरकों ने अपना बहुमूल्य सेवा व समय देकर शिक्षा का ज्योत अंतिम व्यक्ति तक पहुंच जलाया था,लगभग 8 साल के कठोर मेहनत व लगन के कारण राज्य सरकार को कई पुरस्कार भी प्राप्त हुवे और देश भ्र में विशेष पहचान भी मिली,लेकिन 8 साल के बाद अचानक इस योजना को बंद कर अभी साक्षरता प्रेरकों को एक झटके में बेरोजगार कर दिया गया।जिससे आक्रोशित हो सभी प्रेरक ने 2018 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सरकार से इस क्रूरता का बदला लिया और उन्हें सत्ता से हटा के ही दम लिया,वर्तमान सरकार ने भी उस समय वायदा किया कि यदि हमारी सरकार आती है तो हम सभी साक्षरता प्रेरकों के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था करेंगे किंतु ये सरकार भी अपने वायदों को भूलती नजर आ रही है।इस सरकार को वायदा याद दिलाने एवम विपक्ष में बैठी पूर्व सरकार की स्थिति याद दिलाने आज काला दिवस के रूप में अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस को काला दिवस के रूप में 5 लाख से भी ज्यादा साक्षरता प्रेरक मना रहे हैं।