कुनकुरी//नारायणपुर आज का दिन – रनपुर से संवाददाता शिवम बेहरा की विशेष रिपोर्ट
वन परीक्षेत्र नारायणपुर अंतर्गत ग्राम चटकपुर में विलुप्त हो रही वन्य जीव प्रजाति गोह वैज्ञानिक नाम मॉनिटर लीजैट के अवैध शिकार की खबरें आ रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम चटकपुर निवासी अभय कुजूर तथा चार अन्य ग्रामीणों द्वारा गोह का अवैध शिकार किया गया तथा उक्त वन्य जीव की तस्वीर को शोशल साइट में शेयर किया गया तस्वीर में स्पष्ट रूप से दृष्टांत हो रहा है कि आरोपियों द्वारा गोह को पकड़ उसके मुंह को लता बेल से बांधा गया है!!
इस खबर की पुष्टि के लिए हमारे रनपुर संवाददाता एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्य कर रहे शिवम बेहरा ने जब वन विभाग के रेंजर मोहितराम कश्यप से जानकारी लेनी चाही तो रेंजर ने कहा ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग को गोह के शिकार की खबर मिली थी जिसपर विभाग के डीएफओ जशपुर के मार्गदर्शन में अधिकारी कर्मचारी जांच कर रहे हैं आरोपियों ने यह स्वीकार किया है कि उनके द्वारा गोह की शिकार किया गया है । बाकी की जानकारी तथ्य मिलने के बाद ही पता चलेगा ।
इस विषय पर डीएफओ जशपुर कृष्णा जाधव ने हमारे संवाददाता शिवम बेहरा को फोन पर चर्चा के दौरान बताया जशपुर में यह दुर्लभ प्रजाति का गोह नाममात्र ही बचा है अगर इसी तरह इसका अवैध शिकार होता रहा तो जिले में यह प्रजाति पूरी तरह विलुप्त हो जाएगी,, वन्य जीव प्रेमियों तथा पर्यावरण संरक्षण के कार्य के अंतर्गत हम इसए बचाने पूरी कोशिश कर रहे हैं,, हमें सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्य कर रहे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है!!
मामला कुनकुरी रेंज के ग्राम बेने चटकपुर की है,,जहां कुछ दिनों पहले चटकपुर निवासी अपने मित्रों के साथ जंगल गया हुआ था साथ में उसका पाला हुआ कुत्ता भी था,, कुत्ते की कान में हल्की सी सरसराहट की भनक सुनाई दी और मालिक ने कुत्ते को इशारा कर दिया कुत्ते ने दौड़कर गया और गोंह को दबोच लिया मालिक दौड़कर गया और पकड़कर गोह के मुंह मे पत्ता बांध कर पकड़ लिया गोपनीय जानकारी के अनुसार उसने गोंह को अपने घर लेकर पका कर साथियों के साथ खाया गया है!!
छत्तीसगढ़ में सभी जगह पाया जाता है गोह
यह मोनिटर लिजेंट प्रजाति का जानवर है जो पूरे छत्तीसगढ़ में पाया जाता है अधिकांश बिलासपुर और रायपुर में पाया जाता है,, यह जशपुर में भी पहले अधिक मात्रा में पाया जाता था लेकिन इसका शिकार अधिक मात्रा में होने के कारण यह अब जशपुर में बिरले ही देखने को मिल रहा है!!