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नई दिल्ली: भ्र्ष्टाचार के खिलाफ एक्सन लेते हुए नरेंद्र मोदी ने आयकर विभाग/केंद्रीय उत्पाद शुल्क के भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया..

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दोबारा सत्ता संभालते ही मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्‍शन में आ गई है। इस बार वह भी भ्रष्ट अधिकारियों को छोड़ने के मूड में बिल्कुल नहीं दिख रही है। आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों के बाद मंगलवार को केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क के 15 वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। सरकार ने उन्हें जबरन सेवानिवृत कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
वित्त मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर कार्रवाई के संबंध जानकारी दी गई है। ट्वीट में लिखा गया है कि ‘फंडामेंटल रूल्स के रूल 56 क्लॉज (जे) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय राजस्व सेवा (सीएंडसीई) के 15 अधिकारियों को 50 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद जनहित में तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत कर दिया है।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
सरकार ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है उनमें प्रधान आयुक्त स्तर के एक अधिकारी का नाम भी शामिल है। बर्खास्त किए गए अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। इस संबंध में वित्त मंत्रालय के एक आदेश निकाला है। इस आदेश में नियम 56 (जे) के अंतर्गत अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने की बात कही गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उनमें प्रधान आयुक्त से लेकर सहायक आयुक्त स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं।
सीबीआई ने भी दर्ज कर रखा है मामला
आदेश के अनुसार इन अधिकारियों में से कुछ को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। वहीं वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इन अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी, अवैध वसूली के साथ ही आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए थे।
जबरन वसूली और उत्पीड़न के भी आरोप
आदेश के अनुसार प्रधान आयुक्त अनूप श्रीवास्तव दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में प्रधान अतिरिक्त महानिदेशक (ऑडिट) के पद पर कार्यरत थे। वहीं सूत्रों का कहना है कि वर्ष 1996 में सीबीआई ने अनूप के खिलाफ एक आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था। उनके अनुसार अनूप के ऊपर बिल्डिंग सोसायटी को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है। इसके अलावा साल 2012 में कर चोरी मामले को छिपाने के लिए रिश्वत लेने का मामला भी सीबीआई ने दर्ज किया था। अनूप के ऊपर लगे आरोपों की फेहरिस्त काफी लंबी है। जबरन वसूली और उत्पीड़न के मामलों में भी उनके खिलाफ शिकायत की जा चुकी है।
संयुक्त आयुक्त की भी हुई छुट्टी
वहीं संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार की भी छुट्टी कर दी गई है। वे पहले से ही निलंबित चल रहे थे। मालूम हो कि कुमार पर भी आय से अधिक संपत्ति के कई मामलें सीबीआई ने दर्ज किए थे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने एक हफ्ते पहले ही आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जबरन सेवानिवृति कर दिया था। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी थी उनमें संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी थे। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। एक अधिकारी तो महिला अधिकारियों का यौन शोषण करने का आरोपी भी था।

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