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135 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सीवरेज पाइप लाइन में भारी अनियमितता के खिलाफ शिकायत

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भरत शर्मा की रिपोर्ट

आज का दिन न्यूज पोर्टल रतलाम: रतलाम शहर में केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत 136 करोड रुपए की लागत से डाली जा रही सीवरेज पाइप लाइन में हो रही अनियमितता एवं अनुबंध की शर्तों के विपरीत हो रहे हैं कार्य की समीक्षा तथा गुणवत्ता की जांच करवाने हेतु कांग्रेस पार्टी के शैलेन्द्र अठाना ने रतलाम कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा ।ज्ञापन में कांग्रेस ने बताया कि सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत अनुबंध के अनुसार कुल 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना था जिसे कम करके अब मात्र दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना प्रस्तावित है ,जब कि भविष्य में रतलाम शहर की जनसंख्या बढ़ना और नई कॉलोनी बनने की पूरी संभावना है। इसलिए 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को कम करके दो करना पूरी तरह इस प्रोजेक्ट पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस कमेटी का कहना है की कैसे यह सीवरेज प्रोजेक्ट 2047 तक की जरूरत को पूरा करेगा ?

पार्टी ने कई बिन्दुओ पर जांच की मांग की

आखिर कोन से सर्वे के आधार पर सीवरेज 6 ट्रीटमेंट प्लांट की सख्या कम करके 2 की गई, इसकी जांच करना अतिआवश्यक है। वही कमेटी ने सीवरेज कार्य करने वाली कम्पनी के निर्माण की गुणवत्ता की जांच की भी मांग की है। अनुबंध की शर्त के अनुसार पाईप डालने के पूर्व150 एम.एम की बेडीग करना थी लेकिन कम्पनी ने बिना बेडीग के ही पाईप डाल दिए। सीवरेज पाईप डालने के पश्चाद बैकफील करने के लिए काम्पेक्शन समुचित लेयरर्स नहीं किया गया है न ही बैकफील में वाईब्रेटर और न काम्पेक्टर का उपयोग किया।

 

रतलाम में लगभग 30 हजार घरो में ड्रेनेज का निकास घर के पीछे की ओर है,इस लिए भविष्य में इस योजना पूर्ण सफल होना सम्भव नहीं है। परन्तु ऐसे कई बिन्दुओ पर ध्यान न देते हुए जय वरुडी कंस्ट्रक्शन कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है। पूर्व में भी सीवरेज पाईप लाइन कार्य की अनियमिता की शिकायत जनसुनवाई में की गई थी। परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

 

रतलाम शहर में पूर्व में भी केंद्र सरकार द्वारा युआईडीएस एसएमटी योजना के तहत 32 करोड़ से अधिक पेजल पाईप लाइन डाली गई, जिसमे काफी अनियमिता तथा भ्रस्टाचार हुआ था जिसके अंतर्गत 103 किमी पाईप लाइन डलना थी परन्तु 48 किमी लाइन का ही सत्यापन हो सका। शेष 55 किमी पाइप लाइन का आज तक सत्यापन नहीं हुआ।

 

सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी की मनकानी व लापरवाही का आलम यह है कि सीवरेज की पाइप लाइन एवं पेयजल पाइप लाइन एक साथ चिपका कर डाल दी गई है तथा पेयजल पाइप लाइन के ऊपर एवं पास ही सीवरेज चैंबर के निर्माण भी कर दिए गए हैं जिससे भविष्य में पेयजल पाइप लाइन मैं सीवरेज का गंदा पानी मिलेगा तथा गंभीर बीमारियां फैलाएगा। मॉनिटरिंग एजेंसी एवं नगर निगम के इंजीनियरों ने उक्त कार्य का निरीक्षण करें बिना ही कंपनी के द्वारा डाली गई पाइप लाइन को नियमानुसार डालना मान लिया गया।

 

शैलेन्द्र अठाना ने ज्ञापन में बताया गया कि सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी द्वारा कार्य प्रारंभ करने की दिनांक से अनुबंध विपरीत एवं मनमाने तरीके से कार्य किया गया है। जिसका छुपाने के लिए नगर निगम के द्वारा एडवोकेट कपिल मजावदिया द्वारा प्रस्तुत आरटीआई आवेदन में चाहे गए दस्तावेज राज्य सूचना आयोग के आदेश दिए जाने के उपरांत भी नहीं दिए गए। वही सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी के गुणवत्ताहीन कार्यो पर पर्दा डाला जा रहा है। शहर कांग्रेस ने ज्ञापन के माध्यम से जिलाधीश को सीवरेज पाइप लाइन में हो रही अनियमितता एवं कार्य की समीक्षा तथा गुणवत्ता की जांच और साथ ही कार्य कर रही कम्पनी पर प्रभाव से रोक लगाने की मांग की।

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