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गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर अनुमति लेने की प्रक्रिया और फिर अनुमति भी न देना ,प्रशासन द्वारा गंभीर कृत्य है...

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भरत शर्मा की रिपोर्ट

आज का दिन न्यूज पोर्टल रतलाम: गणतंत्र दिवस देश का सबसे बडा राष्ट्रीय पर्व है और तमाम देशभक्त नागरिक इस पर्व को हर्षोल्लास से मनाना चाहते है। लेकिन गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए अनुमति लेने की जरुरत पडना और प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान नहीं किया जाना प्रशासन का देशविरोधी कृत्य है। प्रशासन के इस कृत्य से ऐसा प्रतीत होता है,जैसे हम स्वतंत्र भारत में नहीं बल्कि अंगे्रजों की गुलामी में जी रहे हैं।

हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष राजेश कटारिया ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में धारा 144 लागू की गई है। धारा 144 के चलते नागरिकों से प्रत्येक कार्य की अनुमति लेने को कहा जाता है। जिला प्रशासन राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए भी अनुमति लेने की बात कह रहा है। जिले के कई शहरों और गांवों में विगत कई वर्षों से गणतंत्र दिवस के मौके पर नागरिकों के भिन्न भिन्न समूहों द्वारा विभिन्न आयोजन किए जाते रहे है। रतलाम शहर में भी अनेक सामाजिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा निकालने व ध्वजारोहण करने जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते जाते रहे हैं। पिछले वर्षों में कभी भी इन आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती थी,क्योंकि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है और देश के प्रत्येक नागरिक को इसे मनाने का अधिकार है।

लेकिन जिले में पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर रखी है। हांलाकि जिला प्रशासन द्वारा इतने लम्बे समय तक धारा 144 लागू किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय भी यह स्पष्ट कर चुका है कि बिना ठोस कारण के लम्बे समय तक धारा 144  लागू नहीं की जा सकती।

श्री कटारिया ने बताया कि धारा 144 की आड में सामाजिक संस्थाओं को गणतंत्र दिवस के आयोजन के लिए अनुमति लेने को कहा जा रहा है। कुछ संस्थाओं ने जब अनुमति लेने के लिए संबधित पुलिस थानों पर आवेदन दिए तो पुलिस ने इन आयोजकों को अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना था कि प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया है।

श्री कटारिया ने कहा कि भारत के नागरिकों ने लम्बे संघर्षों के बाद आजादी हासिल की है और देश का प्रत्येक नागरिक गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहता है। लेकिन जिला प्रशासन के इस अडियल रवैये के कारण नागरिक अपना राष्ट्रीय पर्व मनाने से वंचित किए जा रहे है। जिला प्रशासन की यह कार्यवाही अंग्रेजी शासन की याद दिलाती है,जब तिरंगा झण्डा लेकर वन्दे मातरम कहने पर भारतीय लोगों को जेल में डाल दिया जाता था।

श्री कटारिया ने कहा कि जिला प्रशासन को अपना देशविरोधी रवैया तुरंत छोडना चाहिए और गणतंत्र दिवस मनाने के लिए प्रत्येक नागरिक को छूट देना चाहिए,जिससे कि कोई भी व्यक्ति या संस्था गणतंत्र दिवस को मना सके। श्री कटारिया ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने गणतंत्र दिवस पर अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त नहीं किया तो इसके विरुध्द नागरिक चुप नहीं रहेंगे और गणतंत्र दिवस को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे।

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