Updates
  1. रतलाम/आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कलेक्टर बाथम की बड़ी कार्रवाई,एक साथ 33 आरोपी जिला बदर
  2. अष्टप्रहरी अखंडकीर्तन महायज्ञ गरियादोहर में शामिल हुई विधायक गोमती साय,,,,, राम का नाम ही सुख शांति प्रदान करता है - गोमती साय
  3. जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित हुआ भाजपा का महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता : पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय सहित जशपुर विधायक ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा के संकल्प पत्र पर प्रकाश डालते हुवे मोदी की गारंटी पूरा करने का बात कहा
  4. रामनवमी पर्व: धूमधाम से निकला रामनवमी का जुलूस जय श्रीराम के उद्घोष से राममय माहौल
  5. उप निदेशक एलिफेंट सरगुजा के निर्देश पर नारायणपुर गेम रेंजर बुधेश्वर साय पहुंचे घटना स्थल पर : जानवर का लोकेशन पता करने ट्रैक कैमरा लगाने उप निदेशक ने दिया निर्देश,वहीं जशपुर डीएफओ ने कहा मवेशी की मौत प्रथम दृष्टया किसी खतरनाक जानवर के हमले से
slider
slider

कृषकों के द्वारा उन्नत किस्म की खेती की जा रही है ,स्ट्राबेरी, पपीता, एप्पल बेर के साथ अब नई फसल भी जिले के पिपलौदा तहसील क्षेत्र के ग्राम गणेश गंज में देखने को मिली। इस फसल को ड्रेगन फूड के नाम से जाना जाता है

news-details

भरत शर्मा की रिपोर्ट

आज का दिन न्यूज पोर्टल रतलाम: जिले के उन्नत कृषको ने समय समय पर अपनी खेती को विस्तारित कर नए नए प्रयोग किये है । अंगूर और स्ट्राबेरी की फसल के बाद पपेन और अनार ने भी जिले का नाम रोशन किया । अब विदेशी फल की खेती कर एक बार फिर अपनी दक्षता साबित कर दी है ।

आधुनिक क्षेत्र में नए नए प्रयोग करने तथा नई फसल लेने में किसान आगे निकल गए है। जिले में अगर स्ट्राबेरी, पपीता, एप्पल बेर के साथ अब नई फसल भी जिले के पिपलौदा तहसील क्षेत्र के ग्राम गणेश गंज में देखने को मिली। इस फसल को ड्रेगन फूड के नाम से जाना जाता है। इस फसल को पौधा दिखने में केक्टर्स के पौधे जैसा काटे वाला पौधा। इस पौधे की हर पत्ती पर गुलाबी कलर का करीब 300 से 700 ग्राम वजन का फल लगता है।यह एक विदेशी फल है और इस फल की कीमत 250 रुपय किलो है। इस खेती को गाँव के 26 वर्षीय दशरथ पाटीदार नामक युवक कर रहे है। खेती में नए नए प्रयोग करने वाले दशरथ वैसे तो 10 वी पास है। लेकिन आधुनिक खेती व नये नये फसलों के लिए लगातार अध्ययन कर जानकारी जुटाने में लगे रहते है। दशरथ करीब 18 माफ पहले गुजरात के बड़ोदरा से ड्रेगन फूड के पौधे लेकर आये थे व करीब 2 बीघा की भूमि पर इन पौधों को लगाया है।किसान की माने तो इस फसल को बड़ा करने में ज्यादा मेहनत नही लगती है और करीब 25 वर्षो तक इस फसल का लाभ मिलता।

whatsapp group
Related news