जशपुर- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजित होने वाले पारंपरिक जतरा मेला के लिए आयोजन स्थल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुवी है।अब तक गौशाला से हुवे मौखिक अनुबंध का करार जल्द ही बदलने की योजना नगरपालिका ने बनाया है।जिसके बाद फिल्हाल यह कहा जा सकता है कि आयोजन स्थल को लेकर अब विवाद गहराना लाजमी है।
ज्ञात हो की जशपुर नगरपालिका के द्वारा इस बार गौशाला से लिखित करार का योजना बनाया गया है,जिसमें अब गौशाला को जतरा मेला के आयोजन के लिए दैनिक शुल्क निर्धारित करना होगा,जब की अब तक यहाँ गौशाला अपने जमीन में मेला के आयोजन के लिये ठेकेदार द्वारा लगायी गयी बोली का 25 प्रतिशत मांग करता रहा है,जिससे नगरपालिका के राजस्व का नुकसान हो रहा है।नगरपालिका इस राजस्व के नुकसान से बचने के लिए गौशाला को दैनिक दर निर्धारण का प्रस्ताव रखेगा,उक्ताशय की जानकारी देते हुवे नगरपालिका के सीएमओ बसंत बुनकर ने बताया कि आदिवासियों के धर्म आस्था व परंपरा के अनुरूप प्रतिवर्ष जतरा मेला का आयोजन यहाँ होता है लेकिन नगरपालिका का खुद का जमीन नहीं होने का कारण अब तक गौशाला या स्व शत्रुंजय प्रताप सिंह जूदेव मेमोरियल स्टेडियम(एन ई एस कालेज के पास मैदान) में होते रहा है,अन्यत्र जगह आयोजन होने पर नगरपालिका को भारी भरकम राजस्व की हानि हुवी है,इस हानि से बचने के लिए गौशाला को उचित किराए लेने का मांग किया जा रहा है,अन्य दिनों के भाँती हुवे कार्यक्रम या आयोजन में गौशाला ने जो किराया दूसरे आयोजनकर्ताओं से लिया है वही किराया इस बार गौशाला से निर्धारित करने हेतु नगरपालिका ने योजना तैयार किया है,जतरा मेला के आयोजन में प्रतिवर्ष ठेका की राशि में बढ़ोत्तरी होना लाजमी है लेकिन उक्त राशि का 25 प्रतिशत देकर पालिका के राजस्व का नुकसान न हो इस तारतम्य गौशाला से दैनिक शुल्क निर्धारण की योजना बनाया गया है।यदि गौशाला इस योजना को नहीं मानता है तो उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर नियमानुसार अन्यत्र स्थल हेतु पुनः ठेका का आयोजन भी कराया जा सकता है।चूँकि गौशाला पर मेला का आयोजन किये जाने का ठेका इस बार निकाला गया है और गौशाला से सहमति नहीं बनने पर नियमानुसार स्थल परिवर्तन के अधिकार का उपयोग उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर करने नगरपालिका स्वतंत्र होगा।