नितिन राजीव सिन्हा
नरेंद्र मोदी दुनिया की सैर कर रहे हैं सुंदर तस्वीरें उतरवा रहे हैं मौज मस्ती सैर सपाटे के दिन हैं जनता भी ख़ुश है के,branded leadership आई है लेकिन मोदी की उपलब्धियों के आड़े यह बात आ रही है कि दिल्ली तक को क़रीब से देखने की उनमें दृष्टि बोध का अभाव रहा है यही देश के दुर्भाग्य का कारण भी है..,
चाणक्य ने राजा के कर्तव्य पर दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं पहला यह कि जिस राज्य में स्त्रियों का अपहरण होता हो,चीरहरण होता हो वह राजा मरा हुआ होता है उससे उम्मीदें करना नाहक है वहीं उसने दूसरी बात यह भी कही है कि जो राजा अपनी जनता की रक्षा नहीं करता वह लोगों की नज़रों में गिरा हुआ और अयोग्य होता है..,
देश में नारी सुरक्षा के मामले में प्रशासन की नाकामी किसी से छिपी हुई नहीं है वहीं दिल्ली में तंग गलियों में दम घूँट कर मरने वाले ४३ मज़दूर आग लगने के दौरान factory की इमारत से बाहर निकल न पाये और यूँ ही दम तोड़ गये सुरक्षा मानकों का पालन करवाना शासन की जवाबदारी है छः साल हुए दिल्ली में मोदी की सत्ता है तो सवाल उठता ही है कि राजा के कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही के कारण आख़िर क्या हो सकते हैं..?
मोदी विदेश जाते हैं तो क्या सिर्फ़ पर्यटक बन कर जाते हैं ख़ूबसूरत नज़ारे देख कर लौट आते हैं या फिर अपने देश की राजधानी दिल्ली के जनसरोकार के बारे में भी उन्हें कुछ बताते हैं,महिला सुरक्षा के मामले में देश की दशा पर भी कुछ जानकारी साझा कर आते हैं यह ज्वलंत सवाल हैं जिनके जवाब मोदी को देने होंगे..,
43 जानें अभी जाया हुई हैं इस पर राजनीति होगी गेंद केजरीवाल सरकार के पाले में डाली जायेगी निशाने पर नेहरु होंगे कांग्रेस के घटना के पीछे हाथ होने की बातें भी सामने आयेंगी हो सकता है पाकिस्तान को भी इसके पीछे दिखा दिया जाये फिर भी नरेंद्र मोदी को देश को यह अब बताना होगा कि उन्होंने कुछ काम किया है चाणक्य के रास्ते पर चल कर कर्तव्यों का पालन किया है..,