नितिन राजीव सिन्हा
निरीह नारी की व्यथाओं पर जब देश उबाल पर है तब छत्तीसगढ़ के कोरबा में जो सरे राह हुआ वह दर्दनाक है पर,यह हादसा नहीं एक पिशाच की हरकत थी उसके जुर्म पर लोग विडियो बनाते रहे कोई पीड़िता की गुहार सुन कर उसे बचाने के लिये आगे नहीं आया क्योंकि नारी की व्यथा सोशल मीडिया में वायरल होकर सनसनी पैदा करती है यह मौजूदा दौर का सामाजिक सरोकार है..,
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा निवासी इंद्रपाल नामक व्यक्ति ने दो माह पहले इसी महिला के नहाते हुए विडियो बना लिया था जिस पर पुलिस मे रिपोर्ट लिखाई गई आरोपी जेल गया दो महीने बाद वह छूट कर बाहर आया और पीड़िता पर हँसिये से प्राणघातक हमला कर दिया पड़ोसियों का कहना है कि घटना के दौरान पुलिस का ख़ौफ़ आरोपी के मन में नहीं था वह बे ख़ौफ़ था..,
गर,अपराधी बे ख़ौफ़ हुए तो सत्ता जनता से दूर हो जाती है उसकी तमाम उपलब्धियाँ गौण मान ली जाती हैं इसका ध्यान सरकार को रखना चाहिये तो ही सत्ता जन सरोकार के क़रीब आ सकती है..,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में एक लीडरशीप समिट को संबोधित करते हुए कहा है कि बुद्ध,महावीर,गांधी और नानक के देश में लोग डर कर रह रहे हैं यह अच्छा नहीं है..,
ऐसे में यह ज़रूरी है कि पुलिस लोगों के प्रति जवाबदेह बने अपराधियों के हौसले पस्त करे और मुख्य मंत्री की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोरबा जैसी वारदातों की संभावनाओं पर अंकुश लगाये..,निरीह नारी पर लिखना होगा कि-
घूँघट में सिमटी
हुई वह जो नारी
है,लज्जा से सजी
हुई कोमल पंखुड़ी
है,वह मानो पुष्पन
से लदा हुआ कोई
पेड़ है वह अनेक
किरदार है,फ़सलों
सा फ़ासला तय
करता दूर तक
फैला ख़ुशियों
को बाँटता
अप्रतिम सौंदर्य
सा नज़ारा है
फिर,नारी निरीह
है हँसिये से कटती
फ़सल की बाली
है,हँसिये से कटती
नारी है..,