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सोसाइटियों में किसानों की हो रही 1275 करोड़ रुपयों की लूट पर लगाओ रोक -- किसान सभा

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छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सहकारी सोसाइटियों में प्रबंधन द्वारा किसानों की बड़े पैमाने पर की जा रही लूट को रोकने की मांग की है। किसान सभा की गणना है कि यह लूट 1275 करोड़ रुपयों की है।

 

आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की लगभग सभी सोसाइटियों में किसानों से प्रति क्विंटल 5 से 10 किलो ज्यादा धान सूखत के नाम पर लिया जा रहा है, जबकि सूखत की भरपाई सरकार करती है। केवल यही नहीं, किसानों से ही धान तुलवाने, बोरों में भरवाने और थप्पी लगवाने का काम करवाया जा रहा है, जबकि यह काम सोसाइटियों द्वारा मजदूरों से करवाना है और सरकार द्वारा इसके लिए 10 रुपये प्रति क्विंटल अलग से प्रबंधन को दिए जाने का प्रावधान भी है। इस प्रकार, सरकारी खरीदी केंद्रों में ही किसानों की प्रति क्विंटल 150 रुपयों की लूट हो रही है। किसान सभा के अनुसार, समर्थन मूल्य पर 85 लाख टन खरीदी लक्ष्य पर यह लूट 1275 करोड़ रुपयों की होती है।

किसान सभा ने मांग की है कि सूखत के नाम पर किसानों से लिए जा रहे ज्यादा धान पर कड़ाई से प्रशासन रोक लगाए और यदि मजदूरों की जगह किसानों से काम करवाया जाता है, तो इसकी मजदूरी किसानों को दी जाए। किसान सभा ने वन भूमि पर खेती करने वाले आदिवासियों और भू-विस्थापित किसानों की फसल सोसाइटियों द्वारा न खरीदी किये जाने की भी तीखी आलोचना की है और मांग की है कि प्रशासन इन सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर तबकों द्वारा उत्पादित फसल की खरीदी के स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि उन्हें बाजार में होने वाली लूट से बचाया जा सके।

किसान सभा नेताओं ने बताया कि मंडी और सोसाइटियों से जुड़ी समस्याओं पर आगामी एक माह तक अभियान-आंदोलन छेड़ा जाएगा और *8 जनवरी को ग्रामीण भारत बंद* के आह्वान पर छत्तीसगढ़ के गांवों को भी बंद किया जाएगा।

 

 

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