शमरोज खान सूरजपुर जिला
सूरजपुर 07 दिसम्बर 2019/ सुदूर अंचल में रिहंद नदी के तट पर बुधराम का घर है जो ओड़गी विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 2 किलो मिटर की दूरी पर स्थित है। यहां की भौगोलिक स्थिति बहुत ही बीहड़ है। आवागमन के साधनों से वंचित बुधराम का गांव पहाड़ो से घिरा आदिवासी बहुलय क्षेत्र है जो आधुनिक विकास की धारा से पूर्णतः अनभिज्ञ है। बुधराम की तरह यहां के अन्य लोग भी धीरे-धीरे विकास की धारा से जुड़ रहे है। यहां के लोग मेहनत मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करते है।
ग्राम पंचायत ओ़ड़गी के निवासी बुधराम पिता श्री रुपसाय के पास लगभग 5 एकड़ कृषि भूमि है किन्तु सिंचाई के साधन न होने के कारण धान की फसल का उत्पादन कम हो रहा था जिससे उसकी आय में काफी कमी हो रही थी। आय की कमी को पूरा करने बुधराम, शासन द्वारा संचालित मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरी के कार्य करने लगे, मनरेगा में कार्य करते हुए एक दिन बुधराम को पता चला कि मनरेगा योजना से डबरी निर्माण कार्य भी स्वीकृत होता है तो इनके द्वारा डबरी निर्माण संबंधी जानकारी ग्राम पंचायत से प्राप्त कर आवश्यक दस्तावेज जमा किया गया। जिसे कार्यालय द्वारा आवश्यक दस्तावेजों को जांच कर वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु जिला कार्यालय को भेजा गया। जिला कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होते ही हितग्राही श्री बुधराम पिता श्री रूपसाय के निजी भूमि में डबरी निर्माण का कार्य प्रारंभ करा दिया गया। इसके बाद वह अपने भूमि में अरहर एवं धान की फसल में डबरी से सिंचाई कर अपनी उपज को बढ़ाया। पहले सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण धान के उपज काफी कम थी। लेकिन जब से मनरेगा योजना के अंतर्गत डबरी का निर्माण हुआ है तब से इनके धान के उत्पादन में पहले की अपेक्षा लगभग 10 क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है एवं बुधराम डबरी से सिंचाई कर अरहर एवं धान का सफलता पूर्वक उत्पादन कर रहा है। जिससे इनके जीवन स्तर में बदलाव देखने को मिल रहा है गरीबी से ऊपर उठ चुका है।
हितग्राही खुद शासन के इस योजना से डबरी निर्माण कर आय में बढ़ोतरी की बात बताया है वह कहता है कि हम अपने परिवार के साथ खुशहाली से जीवन यापन कर रहे हैं हम योजना से हमारे जीवन स्तर में काफी सुधार आया है।