प्रांजल शुक्ला
रायपुर पुरानी बस्ती स्थित श्री महामाया देवी मंदिर रायपुर में श्रीमद्भागवत् सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन परमपूज्य श्री जगद्गुरू निम्बार्काचार्य पीठाधिश्वर स्वंभूराम द्वाराचार्य "श्री राधामोहन शरण" देवाचार्य जी महराज (श्री राधा सर्वेश्वर संस्थान, श्री गिर्राज अन्नश्रेत्र, मथुरा) ने भागवत् पुराण के प्रथम स्कंध का वर्णन करते हुये कहा की इस महापुराण में "सत्यं परम् धीमहि" अर्थात् परमसत्य का निरुपण हुआ है.
व्यासपीठ से जगद्गुरु राधामोहन ने अपनी अमृत वाणी से भागवत् कथा का अद्भुत, सरल एवं विद्वतापूर्ण वर्णन किया. महराज श्री ने भगवान के चौबीस अवतारों का वर्णन, कुंती जी द्वारा भगवान की प्रार्थना का हृदयस्पर्शी वर्णन करते हुये कहा की भगवान की प्रत्येक क्रिया का मूल आनंद है. परमात्मा सृजन कर्ता, पालन कर्ता एवं संहार कर्ता स्वयं है और उनकी उसके द्वारा निर्मित इन सभी लीलाओं के सार में केवल ब्रह्मंड आनंद की अनुभूति व्याप्त करना है। भगवान से विमुख होकर हमारी गति ठीक उसी प्रकार होती है जैसे आत्मा के शरीर से निकलने पर होती है।
समिति के भावेश शुक्ला ने बताया कि इस ज्ञान महायज्ञ में रायपुर सहित आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही. कथा के मुख्य यजमान बसंत मिश्रा तथा सहयजमान डा.अखिलेश कुमार भट्ट, सुरेश अवस्थी, अरुण शर्मा सपत्नीक उपस्थिति रहे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने राधा सर्वेश्वर संस्थान गोवर्धन के लिये अनेक सेवा प्रकल्पों से जुड़कर से अपने जीवन को धन्य बनाया. संस्कार टीवी चैनल इस कथा का 142 देशों में सीधा प्रसारण प्रतिदिन सायं 4 से 7 किया जा रहा है।
महराज जी के कृपापात्र प्रधान शिष्य स्वामी सुदर्शन दास जी महराज ने श्री महामाया देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट समिति रायपुर के समस्त ट्रस्टी सदस्यों के प्रति इस कथा हेतु किये जा रहे सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया.
कल की कथा भक्त ध्रुव के पावन चरित्र पर आधारित प्रसंग पर आख्यान होगा।