जीवन-यात्रा
हम जीवन भर यात्राएं करते हैं
हर दिशाओं में
हर यात्रा का उद्देश्य चाहे जो भी हो
हम धीरे-धीरे मृत्यु की तरफ बढ़ते रहते हैं
हर यात्रा से हम कुछ सीखते हैं
हर यात्रा से हम कुछ पाते भी हैं
हर यात्रा से हमें अनुभव भी होता है
हर यात्रा हमें कुछ नए लोगों से परिचित कराती है
हर यात्रा में प्रायः कुछ पीछे छूट भी जाता है
हर यात्रा में हमारे अंदर भी कुछ चलता रहता है
हर यात्रा में हमारे अन्दर कुछ घटता भी रहता है
हाँ यात्रा से संग्रहित वस्तुओं/अनुभव/ज्ञान/खुशियों की हमें कीमत देनी पड़ती है
कुछ साँसे कम होने लगती है।
हाँ,
हम अपने अन्दर भी यात्रा करते हैं
हमारे अन्दर की यात्रा कुछ अलग है
हम जब अपने अंदर यात्रा करना सीख जाते हैं
हम जब अपने अन्दर यात्रा करते हैं
हम तब बहुत कुछ खो देते हैं
हम तब पाते हैं खुद को
हम तब पाते हैं अपना मित्र
हम तब पाते हैं मित्रता
हम तब पाते हैं प्रेम
हम तब पाते हैं जीवन।
हम पूरा जीवन बिताते हैं यात्राओं में
और
हम तब पाते हैं मृत्यु-मार्ग....
हम तब पाते हैं जीवन-यात्रा।।
-सफ़दर 'सुमन'