नितिन राजीव सिन्हा
अमित शाह बड़े नेता हैं हरियाणा में वोट माँगने निकले हैं पर,उनकी भाषा पर सड़क छाप होने का ठप्पा लगाया जाये तो कोई अचरज नहीं होगा..,
जनता से शाह के सवाल हैं “क्या आप उस उस पार्टी को वोट देना चाहेंगे जिसका नेता अचानक छुट्टियों पर चला जाता है,यहाँ चुनाव है और राहुल विदेश में छुट्टियाँ मना रहे हैं..,”
शाह के सामने यह धर्मसंकट आख़िर कब तक रहेगा कि उन्हें कांग्रेस के वोट में सेंध लगाना है इसलिये जनता के सामने वे सवाल खड़े कर रहे हैं..भई,आप भाजपा की नीतियों पर,सिद्धांतों पर वोट माँगिये न कि राहुल के विदेश दौरे पर..,
रही बात यहाँ वहाँ आने जाने पर जनता के ध्यान भटकाने की तो लोगों को याद है अमित शाह भी कभी अंदर गये थे जैसे अब राहुल बाहर गये हैं..,
अमित शाह आप वोट माँग रहे हैं तो मोदी के काम पर माँगिये न कि राहुल के छुट्टियों पर जाने पर यह राजनीति के सिद्धांतों के भी ख़िलाफ़ है और नैतिकता के भी,यदि केवल कीचड़ उछालना ही राजनीति है तो मोदी शाह की जोड़ी को इसमें महारत हासिल है..जिस पर लिखना होगा कि-
छुप नहीं सकती
छुपाने से शक्ल
तेरी,या अक़्ल तेरी
जनता माँगती है
रोज़गार..रोटी
और बेटी की
सलामती,जो
तू दे न सका
देख तेरा यूपी
और बिहार,
हरियाणा
पर भी तो
तेरा ही राज
बता,ज़रा तू
अपना काज..,