नितिन राजीव सिन्हा
रमन सिंह ने रेल कोरिडोर परियोजना पर मुख्य मंत्री भूपेश बघेल से गुज़ारिश की है कि विकास की इस परियोजना पर सकारात्मक रूख अपनायें ताकि प्रदेश का विकास द्रुत गति से वैसा ही होता रहे जैसा रमन के समय में होता था मसलन जंगल कटते थे किसान की ज़मीनें बिक जाती थी और पर्यावरण का बड़ा नुक़सान हो जाया करता था..,
विदित हो कि भूपेश सरकार ग्रामोत्थान की नीति को लेकर आगे बढ़ रही है वह कृषि और वन भूमि,वनों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है ऐसा उसकी नीतियों को देख कर प्रतीत भी होता है वह अनावश्यक विकास परियोजनाओं जिनसे भू माफ़िया जैसे तत्वों को फ़ायदा पहुँता हो,वैसा कोई भी कार्य करने से बचना चाह रही है..,
रेल परियोजना के लिये चिन्हित किए गये मार्गों के इर्द गिर्द पूर्व सरकार के शक्तिशाली लोगो ने बड़ी तादाद में ज़मीनें ख़रीदी हुई है ताकि बाद में बढ़े हुए दर पर बेच कर मुनाफ़ा कमाया जाये..,
अब,भू माफ़िया के लिए ख़रीदी हुई ज़मीनें गले का फाँस बन जाने वाली है इसलिये सफ़ेद पोश लोगों के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है और तथा कथित विकास पुरुष रमन सिंह की चिंता से क़रीबी लोग वाक़िफ़ हैं क्योंकि परियोजना के अटकने से आख़िरकार नुक़सान तो धनपतियों का होना है..,
रमन की चिंताओं पर लिखना होगा कि-
लहू रोएँगी
मगरुब की
फजाएँ,उम्मीदें
सहेजी थीं
ज़मीनों में
जिसने
उसके पाँव
तले की जमीं
खिसकी हुई हैं..,