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प्रियंका के आगे बौना साबित हुआ भाजपा प्रशासन... उत्तरप्रदेश के सोनभद्र नरसंहार कांड

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नई दिल्ली से रागिब् अली तथा लखनऊ से आर एस पांडे

जंगल और जमीन को लेकर इस देश के आदिवासी
लम्बे समय से संघर्षरत रहें हैं,वो दौर चाहे कांग्रेस का समय रहा हो या भाजपा शासित राज्यों का, उत्तरप्रदेश के सबसे बड़े सोनभद्र में एक सामन्तवादी प्रधान द्वारा जमीन के असली वाशिन्दों को मौत के घाट उतार दिया गया उससे उत्तरप्रदेश की सियासत में नया बवाल पैदा हो गया है। मिर्जापुर में जिस तरह से सोनभद्र जाने से कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका ग़ांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोका गया उससे ये माना जा रहा है कि उत्तरप्रदेश का प्रशासन तथा भजापा सरकार प्रियंका गांधी के आक्रमक रवैये से अपने आप को बौना साबित महसूस कर रहा है, इसकी वजह ये है कि प्रियंका गांधी ने साफ साफ कह दिया है, जब तक वो पीड़ित परिवारों के मिलने नही देंगे तब तक वो टस से मस नहीं होंगे, खबर लिखे जाने तक प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने को लेकर अड़ी हुई हैं, aajkadinnews.com को मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस प्रियंका गांधी को लेकर केंद्र तथा राज्यों में एक बड़े आंदोलन का खाखा खिंच चुकी है। यंहा तक की वो अपनी दादी स्व.इंदिरा गांधी के तर्ज पर जेल भी जाने को तैयार हैं। यंहा बता देना उचित होगा कि उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में जिस तरह से मॉब लीचिंग और आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है इससे ये स्पष्ट हो गया है कि इन घटनाओँ में शासन और प्रशासन पूरी तरह फैल हो चुका है, प्रियंका गांधी के 30 घण्टे से ज्यादा धरने पर बैठने से राज्य की भजापा सरकार जंहा भौचक है तो दूसरी तरफ प्रियंका के मैदान में आने से उत्तरप्रदेश समेत हजारों कई राज्यों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में
नई ऊर्जा का सूत्र पात हो गया है, अपने गले में रुद्राक्ष की माला पहने श्रीमती प्रियंका गांधी जंहा पुराने कांग्रेसियों को इंदिरा गांधी की याद दिलाती है तो वंही नव जवानों को लगता है कि कांग्रेस में फिर से एक नए आंदोलन की शुरुआत हो गई है । दलितों, आदिवासियों, एवं अल्पसंख्यको तथा अति पिछडों की बात करने वाली फिर से उन्ही बुनियादी सवालों को लेकर देश में एक नए आंदोलन की दशा और दिशा तय करने में जुट गई है, इस बाबत कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का aajkadinnews.com से कहना है कि ये लड़ाई केवल उत्तरप्रदेश और सोनभद्र तक ही सीमित नही रहेगी बल्कि इसका दायरा पूरे देश मे फैलेगा। साथ ही इस बात की भी उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ सप्ताहों में कांग्रेस की सियासत प्रियंका गांधी के इर्द गिर्द ही होगी,तथा अब ये उम्मीद की जा रही है कि पूरे देश मे एक नए सिरे से राजनीतिक ध्रुवीकरण होगा। टी एम सी के कुछ सांसदों द्वारा प्रियंका के समर्थन में सोनभद्र जाने को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। कांग्रेस भी इस तरफ कदम बढ़ा चुकी है, खबर लिखे जाने तक जो सूचना मिली है कि एक बार फिर उत्तरप्रदेश प्रशासन ने प्रियंका को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोक दिया गया है और वे फिर धरने पर बैठ गई है। उन्हें केवल दो लोगों से मिलने दिया जबकि 15 लोग उनसे मिलने आये थे। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय माह सचिव श्रीमती गांधी के रैवये से सपा, बसपा तथा भाजपा की नींद हराम कर दी है। आने वाले दिनों में कांग्रेस एक बड़ा मुद्दा बनाकर मैदान में उतरने का मन बना चुकी है इस बीच कांग्रेस के कई बड़े नेता और मुख्यमंत्री, प्रियंका के धरने स्थल तक पहुंचने वाले हैं, अब देखना यह है कि प्रियंका गांधी जीतती है या भजपा प्रशासन हारता है।

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